छात्र ने सोसाइटी की 15वीं मंजिल से कूदकर दी जान, स्कूल की टीचर के खिलाफ केस दर्ज | ऑनलाइन बुलेटिन
फरीदाबाद | [उत्तर प्रदेश बुलेटिन] | स्कूल प्रबंधन की अनदेखी और कथित तौर पर छात्रों के चिढ़ाने से परेशान होकर 10वीं कक्षा के एक मेधावी छात्र ने सोसाइटी की 15वीं मंजिल से कूदकर जान दे दी। गुरुवार रात करीब 9 बजे हुई इस घटना से सोसाइटी में अफरा-तफरी मच गई। घायल छात्र को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने छात्र के पास से एक सुसाइड नोट बरामद किया है। बीपीटीपी थाना पुलिस ने मृतक की मां की शिकायत और सुसाइड नोट के आधार पर एक टीचर और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों के हवाले कर दिया गया है। उधर, स्कूल प्रबंधन का कहना है कि स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से छात्र तनावग्रस्त था। उसका इलाज भी चल रहा था।
ग्रेटर फरीदाबाद की डिस्कवरी सोसाइटी में रहने वाली टीचर आरती का वर्ष 2006 में अपने पति से तलाक हो गया था। वह अपने 16 वर्षीय बेटे आरवी का अकेले ही उसका पालन-पोषण कर रही थीं। गुरुवार रात करीब 9 बजे आरती किसी काम से अपने पिता के पास गई थीं। आरवी घर पर अकेला था। उसने 15वीं मंजिला सोसाइटी की छत पर चढ़कर छलांग लगा दी। सोसाइटी में तेज आवाज सुनकर सोसाइटी के लोग वहां दौड़कर पहुंचे और तुरंत उसे पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पड़ोसियों ने आरती को फोन पर इसकी सूचना दी।
आरवी दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) ग्रेटर फरीदाबाद का छात्र था। उसकी मां आरती भी करीब 8 साल से इसी स्कूल में टीचर है। इस घटना के बाद से सोसाइटी में मातम पसरा हुआ है। छात्र की मां का रो-रोकर बुरा हाल है।
Haryana | A class 10 student died by suicide by jumping off 10th floor of a building on Feb 24; left a suicide note. FIR lodged. Action being after a complaint from the deceased's mother against a student who allegedly harassed her son mentally: Subey Singh,Faridabad Police PRO
— ANI (@ANI) February 26, 2022
पुलिस ने सुसाइड नोट किया बरामद
आरती को अपने घर में टेबल पर आरवी का लिखा एक पेज का सुसाइड नोट भी मिला। उसने लिखा है कि स्कूल प्रबंधन के चलते वह आत्महत्या करने को मजबूर है। उसमें हेड मिस्ट्रेस ममता गुप्ता के नाम का उल्लेख किया गया है। पुलिस ने सुसाइड नोट को बरामद कर जांच शुरू कर दी है। सुसाइड नोट में अपनी मां को दुनिया की सबसे अच्छी मां बताया। आरती का कहना है कि इस बारे में उन्होंने स्कूल प्रबंधन को ईमेल से शिकायत भी दी थी। आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस कारण आरवी डिप्रेशन का शिकार हो गया। दिल्ली से उसका इलाज चल रहा था। आरती ने बताया कि 23 फरवरी को आरवी की विज्ञान की परीक्षा थी। एक सवाल के लिए उसने हेड मिस्ट्रेस ममता गुप्ता से मदद मांगी। आरोप है कि ममता गुप्ता ने आरवी को डांट दिया और कहा कि वह बीमारी का फायदा उठा रहा है। इससे वह बहुत ज्यादा तनाव में आ गया।
बच्चे की आखिरी निशानी देख बिलख पड़ी मां आरती
मां आरती का रो-रोकर बुरा हाल है। उसका कहना है कि स्कूल की हेड मिस्ट्रेस ममता गुप्ता ने उसके बेटे को आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया। सुसाइड नोट में उसके बेटे ने स्कूल प्रबंधन पर भी आरोप लगाया है। सुसाइड नोट को देख उसकी मां ने कहा कि यह उसके बेटे की आखिरी निशानी है। वह पिछले आठ महीने से बहुत परेशान था। क्या मेरे बच्चे को इंसाफ मिलेगा? यह कहते हुए मृतक की मां बिलख पड़ी। मृतक के परिजनों ने कहा कि उसने कई बार कहा था कि वह स्कूल से बहुत परेशान है। पिछले साल मार्च में भी कुछ बच्चों ने उसे प्रताड़ित किया था। उसके बाद से ही वह डिप्रेशन का शिकार था।
बीपीटीपी थाना प्रभारी अर्जुन देव ने कहा कि सुसाइड नोट कब्जे में ले लिया है। सुसाइड नोट और मृतक की मां आरती के बयान पर ममता गुप्ता और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ मामला आत्महत्या के लिए मजबूर करने की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। सुसाइट नोट को जांच के लिए भिजवाया जाएगा।
डीपीएस ग्रेटर फरीदाबाद स्कूल के प्रिंसिपल सुरजीत खन्ना ने कहा कि छात्र की मौत का बहुत दुख है। हमारा स्कूल हमेशा विद्यार्थियों को सहयोग करता है। आरवी के मामले में भी स्कूल ने हमेशा उसका हौसला बढ़ाया है। आरवी के कुछ स्वास्थ्य संबंधी निजी कारण थे, जिनकी वजह से वह काफी तनावग्रस्त था। उसका इलाज भी चल रहा था परंतु इस दुख की घड़ी में हम परिवार के साथ हैं। हम भी यही चाहते हैं कि निष्पक्ष तरीके से जांच हो और जो सच है, वह सामने आए। स्कूल हर संभव मदद के लिए हमेशा तैयार है।
मृतक लड़के की मां आरती मल्होत्रा ने बताया कि मैंने संबंधित शिक्षकों को सब कुछ बताया, प्रिंसिपल को छात्रों (मृतक को परेशान करने वाले) के नाम दिए। अधिकारियों ने हमें कार्रवाई का आश्वासन दिया लेकिन कुछ भी नहीं किया गया और स्कूल ने मेरे बेटे को उसके विकार का अनुचित लाभ उठाने के लिए दोष देना शुरू कर दिया। आरती ने कहा कि मेरे बेटे को इंसाफ मिलना चाहिए। वरिष्ठ अधिकारियों और डीपीएस सोसाइटी को जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि वे सिर्फ पैसे कमाने के लिए बिना बैकग्राउंड चेक के छात्रों को प्रवेश दे रहे हैं। शिकायत करने पर स्कूल के टीचर्स ने मुझे भी प्रताड़ित किया। मुझे स्कूल ने खुलेआम धमकी दी थी कि वे मेरे बेटे को अगले साल से स्कूल में नहीं रखेंगे।