7 नवंबर को विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद l ऑनलाइन बुलेटिन
नई दिल्ली l (नेशनल बुलेटिन) l महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में ‘भारतीय संविधान के जनक’ भारत रत्न डॉ. बी आर आम्बेडकर के पैतृक गांव अंबाडावे में डॉ. बी आर आम्बेडकर के अस्थि कलश की पूजा करने और भगवान बुद्ध को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद राष्ट्रपति लोगों को संबोधित कर किया।
President Kovind visited Ambadawe village (ancestral village of Dr B.R. Ambedkar) in Ratnagiri and performed pooja of the Asthi Kalash of Dr B. R. Ambedkar and paid floral tributes to Lord Buddha, Dr Ambedkar, Smt Ramabai Ambedkar and Ramji Ambedkar. https://t.co/zt1BP7BA8L pic.twitter.com/i1YYnwekPv
— President of India (@rashtrapatibhvn) February 12, 2022
उन्होंने कहा, ”सात नवंबर को महाराष्ट्र के स्कूलों में विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता है, यह उस दिन को याद करने के लिए है जब बाबासाहेब आम्बेडकर ने वर्ष 1900 में एक स्कूल में दाखिला लिया था। इस पहल को पूरे देश में दोहराया जाना चाहिए।”
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में भारत रत्न डॉ. बी आर आम्बेडकर के योगदान और समर्पण को याद करने के लिए 7 नवंबर को देशभर में विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत रत्न डॉ. आम्बेडकर से जुड़ा हर कार्यक्रम सद्भावपूर्ण और समतावादी समाज के दृष्टिकोण को साकार करने के लिहाज से एक प्रेरणा है।
उन्होंने कहा कि अंबाडावे गांव को ‘स्फूर्ति भूमि’ (प्रेरणा की भूमि) के रूप में जाना जाता है, जो आम्बेडकर को एक उपयुक्त श्रद्धांजलि है। राष्ट्रपति ने कहा कि स्फूर्ति भूमि के आदर्श के अनुसार बाबा साहेब द्वारा पोषित सद्भाव, करुणा और समानता के मूल्यों पर आधारित हर गांव में एक सामाजिक व्यवस्था होनी चाहिए।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि गांवों में छोटे उद्यमों को बढ़ावा देकर लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के सामूहिक प्रयास परिवर्तनकारी साबित होंगे और ग्रामीणों के जीवन में बदलाव लाएंगे।
राष्ट्रपति ने इस बात पर खुशी जताई की दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डीआईसीसीआई) ने अंबाडावे को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई पहल की हैं। उन्होंने जून 2020 में ‘निसर्ग’ चक्रवात से प्रभावित ग्रामीणों को राहत प्रदान करने के लिए डीआईसीसीआई की प्रशंसा की।