दौर नया आया है…

🔊 Listen to this ©गायकवाड विलास परिचय- मिलिंद महाविद्यालय लातूर, महाराष्ट्र   (मनहरण घनाक्षरी काव्य)   सुनी गांव की गलियां, प्यारी-प्यारी थी सखियां, बीत गई वो घड़ियां, दौर कैसा आया है।   बंद हुए सभी द्वार, मिट गया है वो प्यार, अंजान बने हैं सभी, दौर नया आया है।   सुना सुना लगे सारा, टूटा … Continue reading दौर नया आया है…