🔊 Listen to this ©पद्म मुख पंडा परिचय- रायगढ़, छत्तीसगढ़ मंद मंद बह रहा समीरण बाग़, खेत,खलिहान में ! यह मलयानिल ,स्निग्ध, सुगंधित, विचरे सकल जहान में! आर्तनाद कर रही, मनुजता, विकल हो रहा नभ है। वसुंधरा के अश्रु बहाते देख, मेरु हतप्रभ है। हिन्द महा सागर में उठता ज्वार, कह रहा, सबसे , … Continue reading अहा धरित्री…
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