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AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी बोले- अगर “मुस्कान” खतरे में हैं, तो मैं Z+ सुरक्षा लेकर क्या करूंगा | ऑनलाइन बुलेटिन

नई दिल्ली | (नेशनल बुलेटिन) | कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बीच एक कॉलेज की छात्रा का लड़कों से भिड़ंत का वीडियो वायरल हो गया है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने Z प्लस सुरक्षा से इनकार करने का मामला फिर से उठाया है। ओवैसी ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्रालय की ओर से दी गई Z प्लस सुरक्षा से इसलिए इनकार किया, क्योंकि अगर इस देश में मुस्कान जैसी मुस्लिम लड़कियों को खतरा है, तो असदुद्दीन ओवैसी भी खतरे में हैं।

 

मालूम हो कि ओवैसी की कार पर उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान गोली चलाई गई थी, जिसके बाद ओवैसी को गृह मंत्रालय ने Z+ सुरक्षा दी थी, जिसे उन्होंने लेने से इनकार कर दिया।

 

ओवैसी ने कहा, “आप मुझसे Z श्रेणी की सुरक्षा लेने के लिए कह रहे हैं क्योंकि मेरे जीवन को साफ तौर पर खतरा है। लेकिन मैंने संसद में कहा कि ओवैसी को Z श्रेणी की सुरक्षा की जरूरत नहीं है। कुछ ऐसा करें कि सभी सुरक्षित रहें। ओवैसी को सुरक्षा देने का क्या मतलब है, अगर मुस्कान जैसी लड़की को परेशान किया जाता है? अगर मुस्कान को खतरा है तो असद को भी खतरा है।”

 

कॉलेज के सामने मुस्कान की लड़कों से भिड़ंत

 

दरअसल, कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बीच एक कॉलेज के सामने बुर्का पहने कॉलेज की छात्रा का लड़कों से भिड़ंत का वीडियो वायरल हो गया है। लड़की की पहचान मांड्या के कॉलेज में बीकॉम सेकेंड ईयर की छात्रा बीबी मुस्कान खान के रूप में हुई है। वायरल वीडियो में मुस्कान हवा में हाथ उठाकर अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाती नजर आ रही थी, वहीं कॉलेज से बाहर आ रहे लड़के जय श्री राम के नारे लगा रहे थे।

 

कॉलेज में हिजाब पहनने को लेकर झड़पें

 

मुस्कान ने बाद में बताया कि वह अपना असाइनमेंट जमा करने के लिए कॉलेज आई थी। इसी दौरान उसका सामना लड़कों के ग्रुप ने हुआ, जिसमें ज्यादातर बाहरी लोग थे जो जय श्री राम का नारा लगा रहे थे। यह घटना मंगलवार को हुई जब कर्नाटक के कई कैंपसों में मुस्लिम छात्राओं के कक्षा के अंदर हिजाब पहनने के अधिकार को लेकर झड़पें हुईं।

 

घटना के तुरंत बाद ओवैसी ने मुस्कान से की बातचीत

 

घटना के तुरंत बाद ओवैसी ने मुस्कान से संपर्क किया और उससे व उसके परिवार के सदस्यों से बात की। ओवैसी ने कहा, “मुस्कान और उनके परिवार से फोन पर बात की। उनसे धर्म और पसंद की स्वतंत्रता के साथ शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता में दृढ़ रहने के लिए प्रार्थना की। मैंने बताया कि उनकी निडरता हम सभी के लिए साहस का स्रोत बन गई है।”


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