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बदरा | ऑनलाइन बुलेटिन

©प्रियंका महंत

परिचय- रायगढ़, छत्तीसगढ़.


 

बालकविता

 

बदरा हमसे क्यों रूठे हो?

जल क्यों नहीं बरसाते हो?

प्यासी है ये धरती सारी,

सबको क्यों तरसाते हो?

 

देखो मछली कैसे रोती,

बिन पानी वो जी ना पाती।

चिड़िया रानी उड़ कर आती,

बिन पानी वो कैसे नहाती?

 

धरती कहती जाकर बोलो,

सूखी -सूखी फसलें सारी।

मैं हरियाली मुर्झायी हूँ,

जल बिन प्यासी दुनिया सारी।

 

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