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भाजपा ने बजट को सराहा, विपक्ष ने बताया जनविरोधी, कहा- गरीबों की हुई अनदेखी

नई दिल्ली
 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को आम बजट पेश कर दिया है। भाजपा ने केंद्रीय बजट को एक सर्व-समावेशी और दूरदर्शी करार दिया और कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को और गति देगा। वहीं, विपक्ष ने इसे जन-विरोधी बताते हुए कहा कि नौकरियां पैदा करने के लिए कोई विजन नहीं, महंगाई से निपटने की कोई योजना नहीं है।

बजट प्रस्तावों ने भाजपा और विपक्ष के बीच अमृत काल बनाम मित्र काल की बहस भी छेड़ दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह बजट गरीबों और मध्यम वर्ग सहित एक आकांक्षी समाज के सपनों को पूरा करने वाला है। राहुल गांधी ने कहा कि यह केवल अमीरों के लिए तैयार किया गया है। मोदी ने केंद्रीय बजट को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि अमृत काल में पहले बजट ने विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए एक मजबूत आधार स्थापित किया है।

उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग को सशक्त करने के लिए सरकार ने पिछले वर्षों में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जिससे जीवन सुगमता सुनिश्चित हुई है। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, इस साल का बजट भारत के विकास पथ में नई ऊर्जा का संचार करता है। भाजपा ने देश की आजादी के 75वें वर्ष 2022 से 2047 के 100वें वर्ष के बीच की अवधि को अमृत काल के रूप में वर्णित करती है।

मोदी सरकार के संकल्प को देगा और गति
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि आम बजट दलितों, आदिवासियों, किसानों, पिछड़े और उत्पीड़ित वर्गों को सशक्त और उत्थान करेगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, बजट आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के मोदी सरकार के संकल्प को और गति देगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्रीय बजट से देश में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है जो लोगों को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर ले जाएगा और अगले कुछ दिनों में 'शीर्ष तीन' अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा।

नौकरियां पैदा करने और महंगाई से निपटने के लिए कोई  विजन नहीं
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि बजट में गरीबों के लिए कुछ नहीं है। मित्र काल बजट में नौकरियां पैदा करने या महंगाई से निपटने के लिए कोई विजन नहीं है। असमानता को दूर करने का कोई इरादा नहीं है। 1% सबसे अमीर 40% संपत्ति के मालिक हैं, 50% सबसे गरीब 64% GST का भुगतान करते हैं, 42% युवा बेरोजगार हैं – फिर भी, पीएम को परवाह नहीं है।
 
जनभागीदारी होगी मजबूत : गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, यह बजट अमृत काल में एक नए भारत की नींव रखेगा और 130 करोड़ भारतवासियों का जीवन बेहतर और खुशहाल करेगा। यह बजट सबका साथ, सबका प्रयास के जरिये 'जनभागीदारी' की जरूरत को समझते हुए अमृत काल के लिए मजबूत वित्तीय क्षेत्र के साथ एक तकनीक-संचालित और ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था को दिशा देने वाला  है। लोक कल्याणकारी बजट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का धन्यवाद।

सरकार का फोकस गरीब, महिलाएं, युवा और अन्‍नदाता पर केन्द्रित: वित्त मंत्री

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में अंतरिम बजट 2024-25 पेश करते हुए कहा प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व वाली सरकार चार प्रमुख जातियों- ‘गरीब’, ‘महिलाएं’, ‘युवा’ और ‘अन्नदाता’ के विकास पर ध्यान केंद्रित करने पर विश्वास करती है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि उनकी आवश्यकताएं, उनकी आकांक्षाएं और उनका कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति तब होती है जब इन चारों जातियों से जुड़े लोग प्रगति करते हैं। इन चारों जातियों के लोगों को अपने जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास में सरकारी सहायता की आवश्यकता है और उन्हें सरकारी सहायता मिल भी रही हैं। उन्होंने कहा कि उनके सशक्तीकरण से और उनके कल्याण से देश आगे बढ़ेगा।
वित्त मंत्री ने कहा, “हमारी सरकार के लिए सामाजिक न्याय एक प्रभावी और आवश्यक शासन पद्धति है। भ्रष्टाचार में कमी से पारदर्शिता आई है और सभी पात्र लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।” उन्होंने बताया कि कैसे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण सफल हुआ है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार परिव्यय की चिंता न करके परिणामों पर जोर देती है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सरकार सर्वांगीण, सर्वस्पर्शी और सर्वसमावेशी विकास के दृष्टिकोण से 2047 तक भारत को ‘विकसित भारत’ बनाने के लिए कार्य कर रही है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लोगों की क्षमता में वृद्धि करनी होगी और उन्हें सशक्त बनाना होगा।

कराधान यथावत, विकसित भारत का रोडमैप जुलाई के बजट में: सीतारमण

 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतारिम बजट में कराधान व्यवस्था को यथावत बनाये रखने की परंपरा का पालन करते हुये गुरुवार को वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.1 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है, लेकिन उन्होंने 25 हजार करोड़ रुपये की कुछ पूर्व की बकाया कर मांग को माफ करने की घोषणा की जिससे एक करोड़ करदाताओं को लाभ होगा।
श्रीमती सीतारमण ने लोकसभा में अपने छठे बजट भाषण में कहा कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि की तेजी और राजस्व प्राप्तियों में सुधार से राजकोषीय घाटा का पुनरीक्षित अनुमान 5.8 प्रतिशत है जबकि बजट अनुमान 5.9 प्रतिशत था। उन्होंने कहा, “मैं पहले घोषित अपनी राजकोषीय सुदृढ़ीकरण योजना के अनुसार 2025-26 तक इस घाटे को जीडीपी के 4.5 प्रतिशत तक सीमित करने के रास्ते पर कायम हूं।”
श्रीमती सीतारमण ने बजट भाषण में सरकार के कामों और उसके प्रति मजबूत जनविश्वास को रेखांकित करते हुये कहा कि आम चुनाव के बाद नई सरकार द्वारा जुलाई में पेश किये जाने वाला बजट ‘विकसित भारत का रोडमैप’ होगा। उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2047 में आजादी के अमृतकाल के पूर्ण होने तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के व्यय का संशोधित अनुमान 44.90 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इस वित्त वर्ष में राजस्व प्राप्तियां 30.30 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो बजट अनुमान से अधिक है। उधारी को छोड़कर सरकार की कुल प्राप्तियां 27.56 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जिसमें कर प्राप्तियां 23.24 लाख करोड़ रुपये होंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में कुल व्यय 47.66 लाख करोड़ रुपये रहने और उधारी को छोड़कर कुल प्राप्तियां 30.80 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में कर प्राप्तियां 26.02 लाख करोड़ रुपये रहने और राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि राज्यों को पूंजीगत व्यय के लिए 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण योजना अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में जारी रखी जायेगी और इसके लिए 1.3 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया जायेगा।

 


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