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मुआवजा नहीं मिलने से आक्रोशित किसान बैठे सड़क पर, अफसर बोले- कोई बकाया नहीं l Onlinebulletin

रायपुर l Onlinebulletin l छत्तीसगढ़ में गरियाबंद जिले के देवभोग के कुम्हडई खुर्द और कुम्हडई कलां के 28 किसान मंगलवार को गरियाबंद- देवभोग- ओडिशा मार्ग के तेल नदी पुल पर आकर बैठ गए। किसानों का आरोप है कि नदी पर बने पुल के लिए अधिग्रहित जमीन का मुआवजा 11 साल बाद भी नहीं दिया गया है। सूचना पर पहुंचे जिला प्रशासन के अफसरों का कहना है कि किसानों का कोई बकाया नहीं है।

 

आक्रोशित किसान जब तक मुआवजा नहीं मिलेगा, तब तक सड़क से नहीं हटने की बात कह रहे हैं। किसानों ने सड़क पर बैनर भी बांध दिया है। सड़क पर किसानों के बैठ जाने की वजह से दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लग गई है। सूचना पर प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी किसानों को मनाने पहुंचे हैं। जिला प्रशासन के अफसरों का कहना है कि किसानों का कोई बकाया नहीं है।

 

 

प्रदर्शनकारी किसानों का आरोप है कि जमीन अधिग्रहण के 11 साल बाद भी उन्हें मुआवजा नहीं मिला है। किसानों के मुताबिक मुआवजा की पहली किस्त मिल चुकी है, लेकिन 63 लाख से अधिक की दूसरी किस्त जिला प्रशासन के खजाने में जमा है। बार-बार आग्रह और निवेदन के बाद भी जिला प्रशासन के अधिकारी ध्यान नहीं देते और गुमराह करते हैं।

 

 

जमीन की कीमत में कई गुना वृद्धि हो गई है। ऐसे में अगर मुआवजा मिलता भी है तो वह राशि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। किसानों का कहना है कि जब तक मुआवजा राशि नहीं मिलेगी, तब तक सड़क से नहीं हटेंगे। प्रशासन चाहे जो कर लें।

 

 

किसानों के सड़क पर आकर बैठने के बाद राजनीति भी शुरू हो गई है। पूर्व संसदीय सचिव एवं भाजपा नेता गोवर्धन मांझी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए 63 लाख रुपए की राशि किसानों को तत्काल देने की मांग की है। मांझी ने किसानों को जल्द ही मुआवजा नहीं देने की स्थिति में खुद धरने पर बैठने की चेतावनी प्रशासन को दी है।

 


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