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गणतंत्र दिवस पर ‘एट होम फंक्शन’ का नहीं होगा आयोजन; कोरोना संक्रमितों को स्वस्थ होने के 3 महीने बाद लगेगा टीका | ऑनलाइन बुलेटिन

रायपुर | (हेल्थ बुलेटिन) | केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी इस गाइडलाइन स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 वर्ष से अधिक के लोगों को लगाए जा रहे प्रिकाशन डोज के साथ ही सभी आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए प्रभावी होगा। राज्य कोरोना नियंत्रण अभियान के नोडल अधिकारी डाक्टर सुभाष मिश्रा ने बताया कि कोरोन संक्रमण दूसरी लहर की तुलना में अधिक तेजी से फैल रहा है। ऐसे में फरवरी में तीसरी लहर का पिक आने की आशंका है। ऐसा हुआ तो टीका ना लगवाने और किसी बीमारी से ग्रस्त कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों पर इसका अधिक प्रभाव पड़ेगा। लोगों को कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर सावधान रहने की अधिक आवश्यकता है। ताकि कोरोना से झिड़ी इस जंग को जीता जा सके। वहीं लोगों को भी जरूरी सवाधानियां बरतना चाहिए।

 

कोरोना संक्रमितों के टीकाकरण के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार कोविड-19 पीड़ित व्यक्तियों को उनके स्वस्थ होने के तीन माह बाद कोरोना से बचाव का टीका लगाया जाना है। यह गाइडलाइन स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 वर्ष से अधिक के लोगों को लगाए जा रहे प्रिकॉशन डोज के साथ ही सभी आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए प्रभावी होगा।

 

छत्तीसगढ़ में कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए राजभवन में गणतंत्र दिवस के अवसर पर ‘एट होम फंक्शन’ का इस साल आयोजन नहीं होगा। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इसे स्थगित कर दिया गया है। इस आयोजन में राज्यपाल राजभवन में हर खास और आम नागरिक से मुलाकात करती हैं।

 

एक दिन में 15 मरीजों की मौत से हड़कंप

 

छत्तीसगढ़ में तीसरी लहर के दौरान पहली बार एक दिन में 15 मरीजों की मौत से मचे हड़कंप के बीच बदलाव शुरू हो गए हैं। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग का प्रमुख सचिव बदल दिया है। डॉ. आलोक शुक्ला की जगह पर डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी अब स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगी। इस बीच कोरोना से हुई मौतों की पड़ताल शुरू हुई है। विभाग ने कोरोना से मरने वालों में किसी नए वैरिएंट की आशंका को देखते हुए जांच कराने का फैसला किया है।

 

सवा चार हजार नमूने भुवनेश्वर भेजे जा चुके

 

बताया जा रहा है, कोरोना से मरने वालों के नमूनों में से रैंडमली 5% को जीनोम सीक्वेसिंग के लिए भुवनेश्वर भेजा जाएगा। इसके जरिए यह जानने की कोशिश हो रही है कि कोई वैरिएंट कितना घातक है। सामान्य रूप से हो रही जांच में से 5% सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए पहले भी भेजे जा रहे हैं। अभी तक करीब सवा चार हजार नमूने भुवनेश्वर भेजे जा चुके हैं।

 

ये वैरिएंट प्रमुख रुप से रहे शामिल

 

इसमें प्रमुख रूप से डेल्टा, बी-1, बी-617, बी-671।2, बी-1617।2, काप्पा, यूके और ओमिक्रॉन वैरिएंट शामिल हैं। तीसरी लहर के लिए जिम्मेदार बताए जा रहे ओमिक्रॉन वैरिएंट के 21 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन ये सभी लोग पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। डॉक्टरों का कहना है कि जीनोम सीक्वेंसिंग के नतीजों से यह पता चलेगा कि कौन सा वैरिएंट अधिक मौत की वजह बन रहा है। यहीं नहीं मरीज को संक्रमण की वजह से हुई दिक्कतों और मौत के कारणों को समझने में भी आसानी होगी। प्रदेश में अब तक 13 हजार 705 मरीजों की जान इस महामारी की वजह से जा चुकी है।

 

मरने वालों में कई लोगों को दूसरी बीमारी भी थी

 

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कोरोना की वजह से जो मौतें हुई हैं, उनमें अधिकतर लोग दूसरी बीमारियों के शिकार रहे हैं। गंभीर रूप से बीमार होने से पहले उनको कोरोना भी हुआ। मृतकों में कई दुर्घटना के शिकार लोग भी हैं। डेथ ऑडिट से इनकी संख्या 65% से अधिक पाई गई है। 46 से 60 साल आयु वर्ग के लोगों की सबसे अधिक मौत कोरोना की वजह से हुई है।

 

टीका नहीं लगवाना भी एक बड़ी वजह

 

कोरोना के घातक हो जाने में टीका नहीं लगवाना भी एक बड़ी वजह हो सकती है। तीसरी लहर के दौरान हुई मौतों के विश्लेषण से साफ हुआ है कि मरने वालों में से करीब 56% लोगों ने कोई टीका ही नहीं लगवाया था। 25% लोग दोनों डोज लगवा चुके थे, वहीं 18% ने केवल एक टीका लगवाया था। डॉक्टरों का कहना है, टीकाकरण की वजह से संक्रमण एकदम से 100% बचाव तो नहीं हुआ। लेकिन इससे मरने के चांस कम हो गए हैं।

 

इस संबंध में डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल, रायपुर में क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट डॉ. ओपी सुंदरानी ने बताया कि अब तक जितने केस आए हैं। उनमें गंभीर मरीजों की संख्या बेहद कम है। कम संक्रमण होने की वजह से अधिकांश मरीज होम आइसोलेशन में स्वस्थ हो जा रहे। किसी बीमारी से पीड़ित या टीका नहीं लगवाने वाले मरीजों के लिए खतरा अधिक है। इस बार कोरोना का फैलाव काफी तेज है। बचाव के लिए सकर्तता बरतें।

 

©नवागढ़ मारो से धर्मेंद्र गायकवाड़ की रपट  


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