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किराये में मिल रहा बैंक का खाता: ऑनलाइन सट्टा कारोबारी एक खाते का 10 हजार दे रहे, छत्तीसगढ़ में फूटा मामला | ऑनलाइन बुलेटिन

रायपुर | [छत्तीसगढ़ बुलेटिन] | प्रदेश में ऑनलाइन सट्टा कारोबार के लिए बैंक खाता किराये पर देने का खुलासा हुआ है। भिलाई में यश बैंक में दलाल मनीष मिश्रा ने बैंक मैनेजर व कर्मचारियों के साथ मिलकर 20 ऐसे खाते खुलवाए थे, जिसमें महादेव बुक के माध्यम से खिलाए जाने वाले ऑनलाइन सट्टा के लाखों रुपये का ट्रांजेक्शन किया जा रहा था। सुपेला पुलिस ने खाता खुलवाने वाले एक दलाल को गिरफ्तार मामले की विवेचना शुरू कर दी है।

 

भिलाई की सुपेला पुलिस ने मनीष मिश्रा नाम के दलाल को गिरफ्तार किया है। आरोपी मनीष मिश्रा ने बैंक मैनेजर व कर्मचारियों के साथ मिलकर अलग-अलग लोगों के नाम पर बचत और चालू खाते खुलवाए थे। उनके खातों से करोड़ों रुपये का लेनदेन भी चल रहा था। जिन लोगों के नाम पर खाते खोले गए हैं। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके खाते से करोड़ों रुपये का लेन-देन किया जा रहा है।

 

खाता बंद कराने पहुंचा तो मारपीट

 

शांति नगर निवासी हरिकांत द्विवेदी को ई मेल के माध्यम से पता चला कि उसके नाम से खोले गए खाते में अब तक 3 लाख 85 हजार रुपये का लेनदेन हुआ है। तब वह यश बैंक सुपेला पहुंचा। खाता संचालित करने वाले की जानकारी पूछने और खाता को बंद करने की बात पर बैंक मैनेजर सहित अन्य कर्मचारियों ने उससे मारपीट की थी। इसके बाद वह सुपेला थाना पहुंचा और प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके बाद मामले का भांडाफोड़ हुआ है।

 

हर खाते के लिए 10 हजार रुपये

 

गिरफ्तार किए गए आरोपी मनीष मिश्रा ने पुलिस को जानकारी दी कि साहिल महिलांगे के माध्यम से उसे लोग मिलते थे। हर खातों में नया मोबाइल नंबर डालने के लिए फर्जी नंबर हनी गुप्ता नाम का व्यक्ति उपलब्ध करवाता था। खाता खुलने के बाद OTP और सारे मैसेज उन्हीं नंबरों पर आते थे। हर खाते और मोबाइल नंबर के एवज में मनीष मिश्रा अपने सहयोगी साहिल महिलांगे और हनी गुप्ता को 10-10 हजार रुपये देता था।

 

बैंक कर्मियों की भूमिका की जांच

 

एएसपी ने बताया कि आरोपी मनीष मिश्रा के बयान के आधार पर पुलिस आगे बढ़ रही है। आरोपी ने स्वीकार किया है कि इन खातों में महादेव बुक के माध्यम से खिलाए जाने वाले ऑनलाइन सट्टा के रुपये का लेनदेन होता था। उसके सहयोगी साहिल और हनी गुप्ता अभी फरार हैं। इनके अलावा बैंक के अधिकारी व कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। उन्हें भी आरोपी बनाकर गिरफ्तारी की जाएगी।


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