देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की जयंती पर भीम आर्मी प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार जांगड़े ने बांटे कॉपी-पेन | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

रायगढ़ | [छत्तीसगढ़ बुलेटिन] | Bhim Army State President Rajkumar Jangde distributed copy-pens on the birth anniversary of country’s first female teacher Savitribai Phule.
भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की 193 वें जयंती पर शिक्षा की ज्योत जलाए रखने के लिए अध्ययनरत छात्र छात्राओं को आगे बढ़ाने के लिए अपने गांव के प्राथमिक शाला में जाकर भीम आर्मी प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार जांगड़े द्वारा कॉपी और पेन बनता गया। महान समाज सुधारक व महिलाओं की मुक्तिदाता सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी सन 1831 में माँ लक्ष्मी पिता खन्दोजी नैवेसे के घर हुआ था।
उनका विवाह 1840 में समाज सुधारक ज्योतिबा राव फुले के साथ हुआ था। सावित्रीबाई फुले को शिक्षित करने वाले ज्योतिबा राव फुले थे दोनों मिलकर भारत देश मे प्रथम महिला स्कूल के प्रथम प्रिंसिपल व किसान स्कूल के संस्थापक बने।
5 सितम्बर 1848 में महाराष्ट्र के पुणे में सावित्री बाई व ज्योतिबा राव फुले दोनों मिलकर प्रथम स्कूल खोले, जिसके लिए जमीन माँ फातिमा शेख ने दिया था।
उस दौर में भारत के मुलनिवासी को घर से निकलना मुश्किल था। और छुआछूत भेदभाव आसमान छू रहा था। सावित्रीबाई फुले जब महिलाओं, बच्चों को पढ़ाने स्कूल जाती थी तब यहां अपने आप को उच्च जाति मानने वालों के द्वारा उनको गंदी गाली और उनके ऊपर कीचड़, गोबर, जूठे पानी फेंका करते थे।
उनका शिक्षा आंदोलन देश के महिलाओं को शिक्षित कर समाजिक कुरीतियों को मिटाना और विधवा विवाह कराने के साथ जात पात छुआछूत को मिटाकर महिलाओं को सर उठा कर जीने लायक बनाने का आंदोलन था।
बेहद कठिनाईयों का सामना करके महिलाओं को पढ़ाकर जीने लायक बनाने वाली सावित्री बाई फुले की वजह से ही आज महिलाएं मान सम्मान और स्वाभिमान की जिंदगी आज सर उठाकर जी पा रही।
उनके आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए 3 जनवरी 2023 को भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार जांगड़े ने अपने गांव बरभांठा अ में सावित्री बाई फुले की जयंती प्राथमिक शाला के बच्चों के साथ कॉपी पेन देकर मनाया और छात्र छत्राओं को उनके शिक्षा आंदोलन और सामाजिक आंदोलन के बारे में बताते हुए सभी को अच्छे से बढ़ाई कर अच्छे इंसान बनने का बधाई दिया।
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