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भूपेश कैबिनेट ने आरक्षण से जुड़े 2 विधेयकों को दी मंजूरी, अब इन्हें विधानसभा के विशेष सत्र में पेश करेगी राज्य सरकार | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

रायपुर | [छत्तीसगढ़ बुलेटिन] | ,राज्य में विधानसभा का विशेष सत्र एक और दो दिसंबर को आहूत किया गया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार द्वारा 2019 में की गई घोषणा के अनुरूप, विधेयकों में अनुसूचित जनजाति (एसटी) को 32 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत और अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।

 

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में आबादी के अनुपात में विभिन्न श्रेणियों में शिक्षण संस्थानों में दाखिले और सरकारी नौकरियों में आरक्षण से जुड़े दो विधेयकों में संशोधन के मसौदे को मंजूरी दी गई है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अगर ये संशोधन विधेयक पारित हो जाते हैं तो राज्य में पूर्ण आरक्षण बढ़कर 76 प्रतिशत हो जाएगा।

 

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए तय आरक्षण का अधिकारियों ने खुलासा नहीं किया है, लेकिन कुछ स्थानीय मीडिया संस्थानों का कहना है कि ईडब्ल्यूएस कोटा चार प्रतिशत रखा गया है। राज्य के संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा, ‘छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण) संशोधन कानून और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश से जुड़े संशोधन विधेयक को मंजूरी दी गई है।’

 

राज्य सरकार बार-बार यह दोहराती रही है कि वह जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को 10 फीसदी तक आरक्षण देना उचित है, जिसका पालन किया जाएगा। मंत्री ने विधेयकों में विभिन्न श्रेणियों के लिए प्रस्तावित कोटा के प्रतिशत का खुलासा करने से इनकार कर दिया, लेकिन सूत्रों ने बताया कि यह 2019 में घोषित कोटा लाभ के अनुसार हो सकता है।

 

सरकार के सूत्रों ने कहा कि कैबिनेट ने ओबीसी के लिए मौजूदा 14 प्रतिशत से 27 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है, जबकि एससी समुदाय के लिए सार्वजनिक रोजगार और प्रवेश में 12 प्रतिशत से 13 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। एसटी वर्ग के लिए 32 फीसदी आरक्षण में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

 

इसके अलावा, ईडब्ल्यूएस के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान को भी मंजूरी दी गई, जिससे आरक्षण की कुल सीमा 76 प्रतिशत हो गई।

 

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