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आरक्षण बिना पदोन्नति के खिलाफ सड़क पर उतरे कर्मचारी: मानव श्रृंखला बनाकर शासन-प्रशासन का ध्यान कराया आकृष्टl ऑनलाइन बुलेटिन

रायपुर l (छत्तीसगढ़ बुलेटिन) l शिक्षा विभाग में आरक्षण बिना पदोन्नति की प्रक्रिया रोकने के लिए छत्तीसगढ़ में आरक्षित वर्ग के सरकारी कर्मचारियों ने विशाल मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन किया और शासन- प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया। आरक्षित वर्ग के सरकारी कर्मचारियों ने रायपुर में वीआईपी रोड से कलेक्ट्रेट तक कर्मचारियों ने तख्तियों-बैनरों के साथ सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इसमें दूसरे जिलों के भी कर्मचारी भी Covid-19 गाइडलाइन का पालन करते शामिल हुए।

कर्मचारी नेता विनोद कोशले ने बताया, पदोन्नति में आरक्षण का मामला बिलासपुर उच्च न्यायालय में लंबित है। सरकार ने प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है ताकि सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों की हिस्सेदारी का पता लगाया जा सके।

 

सरकार ने आयोग की रिपोर्ट न्यायालय में पेश कर दिया है। इस बीच स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रधानपाठक के पदों पर पदोन्नति का आदेश जारी कर दिया है। इसमें 40 हजार पद हैं। इसमें आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं हो रहा है। ऐसे में अगर यह प्रक्रिया पूरी हो गई तो आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को भारी नुकसान होगा।

कर्मचारी संगठनों का कहना है, न्यायालय का आदेश आने तक पदाेन्नति की प्रक्रिया रोकी जाए। प्रदर्शन करने वालों में अनुसूचित जाति-जनजातीय संघर्ष मोर्चा, सर्व आदिवासी समाज, प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज, भीम आर्मी सहित विभिन्न सामाजिक व कर्मचारी संगठनों के साझा मंच के लोग शामिल थे।

 

आरक्षण मिलता तो यह स्थिति बनती

कर्मचारी संगठनों का कहना है, आरक्षण रोस्टर के आधार पर अनुसूचित जाति वर्ग को 13% और अनुसूचित जनजाति वर्ग का 32% आरक्षण है। शिक्षा विभाग मे लगभग 40 हजार पदों पर पदोन्नति हो रही है। आरक्षण रोस्टर के हिसाब इसमें से 18 हजार पदों पर अनुसूचित जाति और जनजाति को पदोन्नति मिलती।

सामान्य आरक्षण में मौका नहीं मिलने का अंदेशा

 

आरक्षित कर्मचारियों का कहना है, सीधी भर्ती में पहले अनारक्षित पद भरा जाता है। उसके बाद आरक्षित पद क्रम अनुसार भरा जाता है। अनारक्षित वर्गों में भी प्राय: सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी चयनित होते हैं। इसलिए वरिष्ठता क्रम में भी सामान्य वर्ग के लोगों का नाम ऊपर होता है। एससी-एसटी वर्गों की वरिष्ठता सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों से नीचे होती है। वर्तमान पदोन्नति में आरक्षण रोस्टर लागू नहीं होने से गैर एससी-एसटी ही पदोन्नत हो रहे हैं।

 


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