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उद्यानिकी फसल से समृद्ध हुए किसान कुर्रे क्षेत्रवासियों के लिए बने प्रेरणास्त्रोत | Newsforum

बिलासपुर |     कुर्रे ने बताया कि हमारा पारिवारिक व्यवसाय खेती बाड़ी का है। सब्जियों का उत्पादन करने के पूर्व हम परम्परागत रूप से कृषि का काम करते थे। कृषि में नवाचार तथा तकनीकी ज्ञान के अभाव में उत्पादन कम होता था। जिससे परिवार का खर्च चलाना मुश्किल था। पारिवारिक जिम्मेदारियां बढ़ने से मैं भविष्य के प्रति चिंतित था लेकिन उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित की जा रही राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत् सब्जी, क्षेत्र विस्तार योजना की जानकारी मिली, तब मैने सब्जी लगाने का निर्णय लिया।

 

 

कुर्रे बताते है कि उद्यानिकी विभाग द्वारा उन्हें समय समय पर मार्गदर्शन एवं पूरा सहयोग दिया गया। उन्होंने बताया कि मुझे बीस हजार रूपये प्रति हैक्टेयर की लागत से अनुदान दिया गया। मैने चार एकड़ में लौकी एवं एक एकड़ में करेली की फसल लगाई है। उद्यानिकी विभाग द्वारा सिंचाई के लिए ड्रीप पद्धति से सिंचाई की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। मुझे सालाना 3 से 4 लाख का मुनाफा इससे हो जाता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी लौकी की अच्छी पैदावार ने उन्हें हौसला दिया है। सब्जियों का उत्पादन उनके लिए फायदे का सौदा बन गया है। शासन को धन्यवाद देते हुए कहते है कि उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित इस योजना से उनके जीवन की दिशा ही बदल गई है।

जिले के विकासखण्ड तखतपुर के ग्राम खजुरी नवागांव में रहने वाले    बी.आर. कुर्रे के चेहरे पर इस साल लौकी की बंपर पैदावार से आई मुस्कान साफ देखी जा सकती है।    कुर्रे उद्यानिकी विभाग के सहयोग से परम्परागत फसलों की खेती से इतर वृहद क्षेत्र में सब्जी का उत्पादन कर रहे हैं। जिससे उन्हें अच्छी आय प्राप्त हो रही है। इनसे प्रेरित होकर आसपास के क्षेत्रवासी भी सब्जी की खेती करना शुरू कर रहे है।

©बिलासपुर से शैलेन्द्र बंजारे की रपट 


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