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आरक्षण के मुद्दे पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में जमकर बवाल: पहले दिन की कार्यवाही स्थगित… गांधी प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठे बीजेपी नेता… वहीं वन मंत्री ने दी जानकारी… 3 साल में 43 हाथियों की मौत… 13 करंट से मारे गए | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

रायपुर | [छत्तीसगढ़ बुलेटिन] | Fierce ruckus in Chhattisgarh Legislative Assembly on the issue of reservation: proceedings of the first day adjourned… BJP leaders sitting on dharna under Gandhi statue… Whereas Forest Minister gave information… 43 elephants died in 3 years… 13 electrocuted: छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया. आरक्षण के मुद्दे पर पहले दिन सदन में जोरदार हंगामा हुआ. स्पीकर ने दिनभर के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी.

 

विपक्ष के सदस्य क्वांटिफाएबल डाटा आयोग की रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत करने लगे और हंगामा करते हुए गर्भगृह तक पहुंच गए. इसके बाद विपक्ष के विधायक स्वयमेव निलंबित कर दिए गए. विधायक नारेबाजी करते हुए निकले और गांधी प्रतिमा के पास धरने पर बैठ गए.

 

सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से भारी शोर- शराबे के बाद सदन की कार्यवाही रोकनी पड़ी. इसके बाद जब कार्यवाही शुरू हुई, तब फिर से दोनों पक्षों ने हंगामा किया. भारी शोर-शराबे के कारण कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने आदिवासियों के आरक्षण पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि सदन से विधेयक पारित होने के बाद अब तक लागू नहीं हो पाया है. इस पर विपक्ष के विधायकों ने भी राज्य सरकार को घेरा.

 

सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर एक-दूसरे पर आरोप लगाने लगे. भारी हंगामे और शोर-शराबे के कारण स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने कार्यवाही तीन मिनट के लिए स्थगित कर दी. जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो फिर से आरक्षण के मुद्दे पर हंगामा शुरू हो गया.

 

सत्ता पक्ष के विधायकों ने आरक्षण में देरी के लिए राजभवन को जिम्मेदार ठहराया. इस बीच विधानसभा स्पीकर डॉ. महंत ने कहा कि राजभवन और राज्यपाल के प्रति मर्यादा का पालन हो. राज्यपाल पर की गई टिप्पणी बर्दाश्त नहीं है. राज्यपाल पर कोई अशोभनीय बात सदन की मर्यादा के विपरीत है.

 

छत्तीसगढ़ में तीन साल में 43 हाथियों की मौत

 

विधायक धर्मजीत सिंह की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने सदन में जानकारी दी की छत्तीसगढ़ में पिछले तीन साल में 43 हाथियों की मौत हो चुकी है. इसमें 13 हाथियों की मौत करंट से हुई है. 2019-20 में 11, 2020-21 में 18 और 2022-23 में 14 हाथियों की जान गई है.

 

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