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पति की रिहाई के लिए मासूम के साथ जंगलों की खाक छान रही पत्नी, नक्सलियों ने कर लिया है अपहरण l ऑनलाइन बुलेटिन

रायपुर l (छत्तीसगढ़ बुलेटिन) l फिल्म रोज़ा की तर्ज पर पति की रिहाई के लिए छत्तीसगढ़ के जंगलों की सोनाली खाक छान रही है। वह अपनी नन्हीं सी बच्ची को गोद में उठाए पति की तलाश में बेदरे थाना क्षेत्र के जंगलों की खाक छान रही है। बता दें कि सोनाली के पति का माओवादियों ने बीते दिनों अपहरण कर लिया था।

 

प्रदेश के बीजापुर जिले के बेदरे थाना क्षेत्र से माओवादियों द्वारा अपहरण किए गए इंजीनियर व उसके सहयोगी की अब तक कोई जानकारी नहीं मिली है। इंजीनियर अशोक की पत्नी सोनाली जंगलों में पति को खोज रही हैं। वह अपनी नन्हीं सी बच्ची को गोद में उठाए पति की तलाश में बेदरे थाना क्षेत्र के जंगलों की खाक छान रही है। सोनाली का कहना है कि जब तक उनके पति को सकुशल रिहा नहीं कर देंगे तब तक वह डटी रहेंगी।

 

बता दें कि शुक्रवार को बेदरे थाना क्षेत्र के नुगूर के समीप इंद्रावती नदी पर पुल निर्माण करवा रहे निजी कंपनी के इंजीनियर अशोक व उसके सहयोगी मिस्त्री आनंद यादव को नक्सली साथ ले गए हैं। घटना को आज पांचवां दिन है, लेकिन अब तक दोनों की कोई सूचना नहीं मिली है।

 

इंजीनियर की पत्नी सोनाली ने अपने पति को सकुशल रिहा करने की अपील माओवादियों से की है। सोनाली अपनी बच्ची को गोद में लिए 3 दिनों से बीजापुर के बेदरे थाना क्षेत्र के जंगलों में अपने पति को तलाश रही है। सोनाली ने नक्सलियों से कहा है कि मेरे पति रोजी रोटी के लिए काम करने बस्तर आए हुए हैं। उन्हें छोड़ दीजिए, हम बस्तर से वापट लौट जाएंगे। सोनाली ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपने पति की रिहाई में मदद की गुहार लगाई है।

 

साय व विक्रम शाह ने की रिहाई की अपील

 

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकुमार साय व बीजापुर के विधायक एवं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम शाह मंडावी ने भी इंजीनियर और राज मिस्त्री को सकुशल रिहा करने की अपील की है।

 

वहीं एक दिन पहले गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बस्तर आईजी सुंदरराज पी और इंजीनियर अशोक पवार की पत्नी सोनाली पवार से मोबाइल पर बात की थी। गृहमंत्री ने आईजी को इंजीनियर सकुशल वापसी के लिए आवश्यक कदम उठाने निर्देश दिए हैं।

 

माओादियों की प्रतिक्रया नहीं आई सामने

 

अपहरण के इस मामले पर रहस्य अभी भी बरकरार है, जिसके पीछे वजह यह है कि माओवादियों द्वारा अब तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। इंजीनियर की पत्नी सोनाली ने नक्सलियों से कहा है कि मेरी दो छोटी-छोटी बेटियां भी हैं। हमारे पालन पोषण के लिए मेरे पति बस्तर काम करने आए हैं।

 

मैं आप सभी से अपील करती हूं की मेरे पति को रिहा कर दें। यदि मेरे पति के द्वारा कोई गलती हुई है तो उन्हें माफ कर दें। हम यहां से चले जाएंगे। सोनाली दिनभर बेदरे में खड़े नदी के दूसरी ओर ताकती रहती है, कि कहीं से उसका पति दिख जाए या कोई खबर लेकर आएगा।

 

 

©नवागढ़ मारो से धर्मेंद्र गायकवाड़ की रपट


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