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फर्जीवाड़ा: कंपनी से अनुबंध बिना खोल लिया फ्यूल स्टेशन, UP से लाकर छत्तीसगढ़ में बेच रहा था पेट्रोल-डीजल | ऑनलाइन बुलेटिन

रायपुर | (छत्तीसगढ़ बुलेटिन) | प्रदेश के बलरामपुर जिले में गजब का फर्जीवाड़ा सामने आया है। पेट्रोलियम कंपनी से अनुबंध किए बगैर एक फ्यूल स्टेशन खुल गया। फर्जीवाड़ा को अंजाम देने टंकी के संचालक ने जिला प्रशासन से बायो फ्यूल का एनओसी भी ले लिया। फ्यूल स्टेशन में उत्तर प्रदेश से डीजल-पेट्रोल लाकर बकायदा बिक्री भी शुरू कर दी गई। 6 महीने तक यह फ्यूल स्टेशन अवैध रूप से चलता रहा और किसी का ध्यान भी नहीं गया। अब फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद फ्यूल स्टेशन को सील कर दिया गया है और आपराधिक प्रकरण दर्ज करने कलेक्टर को प्रतिवेदन भेजा गया है।

 

जिले के चलगली क्षेत्र में संचालित मां अंबे फ्यूल्स को खाद्य अधिकारी बीएस कामते, आईओसीएल के सेल्स ऑफिसर विक्रमादित्य पटेल एवं बीपीसीएल के सेल्स ऑफिसर संतोष माने की टीम सील किया है। अफसरों के मुताबिक यह पेट्रोल पंप इंदौर की एक कंपनी द्वारा बायो फ्यूल बेचने का हवाला देकर 6 माह पहले खोला गया। पेट्रोल पंप में उत्तर प्रदेश से डीजल एवं पेट्रोल लाकर डंप कर बेचा जा रहा था।

 

पेट्रोल पंप को आवश्यक विस्फोटक अधिनियम के तहत लाइसेंस भी जारी नहीं किया गया है। पेट्रोल पंप संचालन का कोई वैद्य दस्तावेज नहीं मिलने के कारण पंप को सील किया गया है। पंप के भूमिगत टैंक की माप करने पर करीब 10 हजार लीटर डीजल एवं 3 हजार लीटर पेट्रोल डंप पाया गया है।

 

कोई वैध दस्तावेज नहीं दिखा सका मैनेजर

 

पेट्रोल पंप संचालन के लिए एएमएक्स बायोडीजल प्राइवेट लिमिटेड इंदौर (मध्य प्रदेश) के आवेदन 20 अगस्त 2021 के आधार पर कलेक्टर बलरामपुर रामानुजगंज की लाइसेंस शाखा से 28 दिसंबर 2021 को अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी किया गया था। बायो फ्यूल बेचने के नाम पर खोले गए इस पंप में 4 नोजल लगाकर पेट्रोल एवं डीजल की बिक्री की जा रही थी।

 

बलरामपुर के खाद्य अधिकारी, आईओसीएल के सेल्स ऑफिसर विक्रमादित्य पटेल एवं बीपीसीएल के सेल्स ऑफिसर संतोष माने की टीम ने पंप की जांच कर मैनेजर सुधीर गुप्ता से दस्तावेज मांगे, लेकिव वह दस्तावेज नहीं दे पाया।

 

बायो फ्यूल का भी लाइसेंस नहीं दिखा पाया

 

फर्जी तरीके से पेट्रोल पंप का संचालन कर रहे संचालक का पचावल में भी पेट्रोल पंप है, जहां से एक नोजल लाकर चलगली में मां अंबे फ्यूल्स में लगाकर तेल बेचा जा रहा था। बायोडीजल के लिए भी सरकार द्वारा जारी नियमों के अधीन लाइसेंस लेना पड़ता है। संचालक ने NOC भी नहीं लिया है।

 

खाद्य अधिकारी ने बताया कि पंप संचालक ने विस्फोटक अनुज्ञप्ति प्राप्त नहीं किया है। कोई वैद्य दस्तावेज नहीं मिलने पर पेट्रोल पंप के चारों नोजल को अधिकारियों ने सील कर दिया है।

 

यूपी से लाकर बेच रहे थे पेट्रोल व डीजल

 

बायो फ्यूल बेचने के नाम पर खोले गए इस पेट्रोल पंप में सामान्य या पावर पेट्रोल या डीजल नहीं बेचा जा सकता। यूपी में डीजल एवं पेट्रोल पर वैट कम होने से दोनों राज्यों के पेट्रोल की कीमत में करीब 8 रुपये प्रति लीटर एवं डीजल के दर में करीब 7.50 रुपये का अंतर है। इस कारण संचालकों द्वारा यूपी से तेल मंगाया जा रहा था। वहीं पचावल में संचालित पेट्रोल पंप के नाम पर जारी तेल को भी अवैध तरीके से चलगली के पंप में डालकर पंप चलाया जा रहा था।

 

अपराधिक प्रकरण दर्ज करने भेजा प्रतिवेदन

 

पेट्रोल पंप का संचालन बिना वैद्य दस्तावेज एवं अनुज्ञप्ति के संचालित करते पाए जाने पर खाद्य अधिकारी के साथ बीपीसीएल व आईओसीएल के सेल्स मैनेजरों ने संयुक्त प्रतिवेदन कलेक्टर बलरामपुर को कार्रवाई के लिए भेजा है।

 

खाद्य अधिकारी ने बताया कि बिना अनुज्ञप्ति के पेट्रोल पंप का संचालन दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। पंप संचालकों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा।

 

 

 

©नवागढ़ मारो से धर्मेंद्र गायकवाड़ की रपट   


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