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गीता देवी जगन्नाथ हिमधर दंपत्ति ने जरूरतमंदों को बांटे कंबल | ऑनलाइन बुलेटिन

कोरबा | (छत्तीसगढ़ बुलेटिन) | क्षेत्र में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ठंड के साथ ही पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना एक सर्कुलेशन प्रभावी होने के कारण छत्तीसगढ़ के विभिन्न भागों में बारिश हो रही है। ठंड और बारिश की वजह से गरीब तबके के लोगों का जीना मुहाल हो गया है। संकट की इस घड़ी में हिमधर दंपत्ति ने कुनुराम हिमधर की स्मृति पर जरूरतमंदों को गर्म कपड़े वितरित किए।

 

जगन्नाथ हिमधर राज्यपाल पुरस्कृत व्याख्याता ने अपने पिता कुनुराम हिमधर के पुण्य स्मृति में जरूरतमंद लोगों को गर्म कपड़े वितरण कर पिताजी को याद किया और कहा कि पिताजी अनुशासन प्रिय, मितव्ययी तथा कर्म को ही देवता मानते थे। श्रीमती गीता देवी हिमधर राज्यपाल पुरस्कृत व्याख्याता फरसवानी ने अपने ससुर कुनुराम हिमधर के जीवनी के बारे में बताया, कि बाबूजी एक मेहनती किसान थे। उन्होंने अपने 7 पुत्र व 1 पुत्री का पालन-पोषण मेहनत के बल पर किया और अपने बच्चों को भी मेहनती बनाया।

 

उनके आशीर्वाद से आज हमारा परिवार भी अपनी मेहनत के बल पर कार्य करते हुए आगे बढ़ रहा है। वे 9 जनवरी 1993 से हमारे बीच नहीं हैं, तब से उनकी स्मृति में प्रत्येक वर्ष अनेक कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें याद करते हैं। जिसमें जरूरतमंदों को कंबल देना, साड़ी वितरण करना, अनाथ आश्रम, वृद्धा आश्रम, दिव्यांग आश्रम आदि संस्थाओं में वस्त्र वितरण कर भोजन कराना व पानी फ़िल्टर प्रदान करना तो कभी क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन कर ग्रामीणों के खिलाड़ियों के लिए एक प्लेटफार्म प्रदान करना। विभिन्न संस्थाओं को अलमीरा, पंखा, पानी टंकी प्रदान करना आदि कार्य करते हैं।

 

आज हम जो कुछ भी हैं वो जन्म देने वाले माता।पिता का ही आशीर्वाद है। इस वर्ष कोरोना के भय के कारण बड़ा कार्यक्रम आयोजन न करते हुए जरूरतमंद लोगों तक जाकर कंबल वितरण कर आशीर्वाद प्राप्त कर याद कर रहे हैं।

 

सभी ने इस पुनीत कार्य की भूरी भूरी प्रशंसा की, कि ऐसे ही कार्य होना चाहिए। आज हम अपने माता-पिता, पूर्वजों को याद करेंगे, तभी तो हमारे बच्चे भी हमें आगे याद करेंगे। ऐसा कार्य प्रेरणास्पद है। लोगों को कोरोना से बचाव के बारे में भी बताया गया।

 


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