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टीचरों की प्रतिनियुक्ति पर शासन का शिकंजा: जांच टीम बना एक सप्ताह में मांगी 5 बिंदुओं पर रिपोर्ट l ऑनलाइन बुलेटिन

बिलासपुर l (छत्तीसगढ़ बुलेटिन) l स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वकांक्षी योजना है। उन्होंने शिक्षा विभाग के अफसरों के साथ ही सभी जिलों के कलेक्टर को स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल की व्यवस्थाओं को गंभीरता से ध्यान देने के निर्देश दिए हैं।

 

बिलासपुर में शिक्षकों की नियुक्ति और स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति में गड़बड़ी को लेकर राज्य शासन गंभीर हो गया है। शिक्षा विभाग ने इस मामले की जांच के लिए टीम बनाई है। विभाग के अवर सचिव ने लोक शिक्षण संचालक की व्यक्तिगत जवाबदेही तय करते हुए शिक्षक पोस्टिंग और प्रतिनियुक्ति की एक सप्ताह के भीतर पांच बिंदुओं में जानकारी मांगी है।

 

शिक्षकों की पोस्टिंग घोटाले को उजागर होने के साथ ही शिक्षकों के अटैचमेंट और स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों में प्रतिनियुक्ति के मुद्दे भी सामने आए है। इसके बाद लोक शिक्षण संचालनालय से इस मामले की जांच के लिए 2 सदस्यीय कमेटी बनाने की बात भी सामने आई है। हालांकि कमेटी महज खानापूर्ति कर लौट गई है। उसको प्रतिनियुक्ति संबंधी जानकारी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है।

 

स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव आरपी वर्मा ने आदेश जारी कर कहा है कि विभाग में तबादला और पोस्टिंग में भ्रष्टाचार की शिकायतें बहुत गंभीर है । बिलासपुर में हाल ही में इस प्रकार के प्रकरण में गिरफ्तारी हुई है । स्वामी आत्मानंद स्कूलों में पोस्टिंग को लेकर भी शिकायतें मिल रही है।

 

शिक्षा विभाग ने मांगी है यह जानकारी

 

  1. ट्रांसफर के केवल वहीं प्रकरण प्रस्तुत किए जाएं , जिनमें मुख्यमंत्री का आदेश प्रकरण प्रस्तुत करने के लिए है। अन्य कोई भी प्रकरण प्रस्तुत नहीं किए जाएं।
  2. ट्रांसफर के किसी भी प्रकरण में डीईओ के विकल्प पर ट्रांसफर प्रस्तावित नहीं किया जाए। यदि ट्रांसफर के प्रस्तावित स्थान पर पद रिक्त नहीं है। फिर भी मुख्यमंत्री का निर्देश पर उस स्थान में किसी की पदस्थापना करना है तो वहां पर पूर्व से पदस्थ किसी अन्य व्यक्ति की अन्यत्र स्थानांतरण प्रस्तावित किया जाए।
  3. किसी भी स्थिति में एक पद पर 1 से अधिक व्यक्ति कार्य नहीं करेंगे। स्वामी आत्मानंद स्कूलों के लिए प्रतिनियुक्ति के सभी प्रस्तावों का परीक्षण स्वयं संचालक लोक शिक्षण व्यक्तिगत रूप से करेंगे। साथ ही प्रकरण में प्रमाण – पत्र अंकित करेंगे कि उन्होंने प्रकरण का परीक्षण किया है और उसे सही पाया गया है।
  4. अटैचमेंट समाप्त करने का निर्णय विभाग की ओर से लिया गया है। स्पष्ट है कि जिस व्यक्ति का वेतन जिस संस्था से आहरित हो रहा है। उसे उसी संस्था में उपस्थिति देनी होगी। डीपीआई इसके पालन का प्रमाण पत्र समस्त डीईओ से एक सप्ताह में प्राप्त कर शासन को अपने हस्ताक्षर से यह प्रमाण पत्र भेजें कि राज्य में अब कोई संलग्नीकरण शेष नहीं रह गया है।
  5. शिक्षक विहीन तथा एकल शिक्षक स्कूलों में 2 शिक्षकों की पदस्थापना का प्रस्ताव तैयार करके शीघ्र भेजा जाए। अब यह प्रस्ताव अनिवार्य रूप से एक सप्ताह के भीतर शासन स्तर पर प्राप्त करने के लिए डीपीआई की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी।

 

अवर शिक्षा सचिव बोले-डीपीआई होंगे स्वयं जिम्मेदार

 

आदेश में अवर शिक्षा सचिव आरपी वर्मा ने स्पष्ट किया है, दिए गए सभी निर्देशों का पालन किया जाना है। इसके लिए लोक शिक्षण संचालक को व्यक्तिगत रूप से परीक्षण करना होगा। जानकारी उपलब्ध नहीं कराने पर लोक शिक्षण संचालक स्वयं जिम्मेदार होंगे।

 

©नवागढ़ मारो से धर्मेंद्र गायकवाड़ की रपट   


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