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राज्यपाल अनुसुईया उइके ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं, संस्थाओं को किया सम्मानित l ऑनलाइन बुलेटिन

रायपुर l (छत्तीसगढ़ बुलेटिन) l राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के तत्वावधान में दीनदयाल उपाध्याय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुई। इस अवसर पर उन्होंने कोविड टीकाकरण में उल्लेखनीय योगदान हेतु छत्तीसगढ़ के दूरदराज से आए मितानिनों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ ही स्वसहायता समूह की सदस्यों, विभिन्न स्वयंसेवी संस्थानों की महिलाओं को सम्मानित किया और प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिन्ह प्रदाय कर उनका उत्साहवर्धन किया गया।

 

उल्लेखनीय है कि रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के तत्वावधान में प्रदेश की अनेक महिला केन्द्रित संस्थाओं द्वारा इस आयोजन में सहभागिता दी गई।

 

राज्यपाल सुश्री उइके ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देश व प्रदेश की महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आज सर्वाधिक खुशी इस बात की हो रही है कि प्रदेश भर की विभिन्न संस्थाओं की महिलाएं, छत्तीसगढ़ के दूरदराज इलाकों से पहुंची स्वास्थ्य कार्यकर्ता व मितानिन सहित विश्वविद्यालय के महिला प्राध्यापक व हमारी युवा तथा ऊर्जावान छात्राएं इस सदन में एक साथ उपस्थित हैं।

 

उन्होंने कहा कि मैं राज्यपाल के साथ-साथ बतौर महिला मैं आपके संरक्षक के तौर पर हमेशा साथ हूं तथा इस आधी आबादी को साथ मिलकर राष्ट्र की प्रगति में भागीदार बनना है। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि प्रदेश की बहनें बहुत सशक्त हैं और उन्होंने राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान बनाई हैं।

उन्होंने अनेकों विदुषी महिलाओं सहित अपने व्यक्तिगत संघर्षों का उदाहरण देते हुए कहा कि पल-प्रति पल हमें अपने सपनों के लिए लड़ना पड़ता है। सामाजिक संरचना में महिलाओं को समान अवसर नहीं मिल पाते। इन कारणों से हमें हताश होने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि दोगुने मनोबल से हमें अपना काम कर अपनी जगह बनानी है।

 

 

राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि एक समय था जब सेना, पुलिस जैसी शारीरिक दक्षता की आवश्यकता वाले क्षेत्रों में महिलाओं की उपस्थिति कम थी, किन्तु अब इन क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी ने ऐसे मिथकों को तोड़ा है। महिलाओं की शारीरिक व मानसिक क्षमता पुरूषों से कहीं अधिक है, क्योंकि वे सृजनशील हैं।

 

 

उन्होंने छत्तीसगढ़ के जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों में महिलाओं के सशक्तीकरण का जिक्र करते हुए कोण्डागांव जिले के सल्फीपदर गांव की महिलाओं के योगदान के बारे में बताया कि कैसे वे अपने परिवेश को बचाने के लिए संघर्षरत् हैं।

 

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़कर छात्र-छात्राओं में राष्ट्रीयता तथा नेतृत्व की भावना का विकास होता है। संस्थानों की डिग्री से इतर राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियों में प्राप्त व्यावहारिक ज्ञान भी लैंगिक समानता जैसे विषयों के प्रति युवाओं को जागरूक करता है।

राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं के सशक्तीकरण तथा उन्हें अवसर प्रदान करने की दिशा में अनेकों योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसके सकारात्मक व दूरगामी परिणाम होंगे।

 

ऐसी योजनाओं से महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में अग्रिम पंक्ति में स्थान मिल रहा है तथा उनके लिए तरक्की के रास्ते प्रशस्त हो रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि बतौर नागरिक हमें अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए तथा समान अवसरों वाले समाज की स्थापना के लिए अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।

 

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाएं इस दिन अपने होने का गौरव मनाती हैं, अतः आप सभी को इस गौरव दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

 

उन्होंने कहा कि शैशवास्था से ही लिंगभेद तथा बेटियों को मानसिक-शारीरिक रूप से कमजोर होने के भ्रम से न डराया जाए। महिलाओं के कमजोर होने जैसे विषय तथ्यहीन तथा पुरूषवादी मानसिकता की देन हैं। हमें इससे बाहर निकलना होगा। महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. नायक ने कहा कि बेटों को लैंगिक समानता जैसे विषयों के बारे में समझाया जाए तथा अभिभावक बेटों को बेटियों की तरह परवरिश करें, ताकि लिंगभेद जैसे कुरीतियों को समाज से मिटाया जा सके।

 

रायपुर जिले की वनमण्डलाधिकारी श्रीमती सतोविषा ने इस अवसर पर अपने संबोधन में लैंगिक समानता के अनेक पक्षों और पर्यावरण के मध्य संबंध को उद्धृत किया। उन्होंने ग्राम तथा वनांचल में रहने वाली महिलाओं के जीवन में वनों की भूमिका और इसकी उपयोगिता के बारे में उदाहरण सहित समझाया। श्रीमती समजदार ने कहा कि हमें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना है और अपनी शिक्षा व लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ निश्चय के साथ कार्य करना है।

 

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बिटिया को मिला राज्यपाल का ऑटोग्राफ

 

पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के समापन उपरांत मंच से उतरते ही एक बिटिया ने राज्यपाल से ऑटोग्राफ हेतु आग्रह किया। राज्यपाल सुश्री उइके ने बड़ी ही आत्मीयता से बच्ची का परिचय प्राप्त कर ऑटोग्राफ दिया। इस दौरान राज्यपाल ने मुस्कुराते हुए बच्ची से कहा कि आज तो हम सभी के उत्सव का दिन है और उसे उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले महिलाओं व संस्थानों को मिला सम्मान

 

दीनदयाल उपाध्याय सभागार में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के मंच से आज प्रदेश भर की महिलाएं व महिला केन्द्रित संस्थाएं सम्मानित हुईं। जिसमें महिला धुमाल पार्टी, राज्य की पर्वतारोही सुश्री नैना धाकड़, नाचा की संस्थापक दीपाली सरावगी, पैरा एथलीट ईश्वरी निषाद, छत्तीसगढ़ महिला मंच, सखी फाउंडेशन, स्वर्गीय निवेदिता फाउंडेशन, सृजनशील विदुषी महिला बहुउद्देशीय सहकारी महिला समिति के सदस्य शामिल थे। इस दौरान महिला धुमाल पार्टी के सदस्यों ने राज्यपाल सुश्री उइके के सम्मान में अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी।

 

 

©नवागढ़ मारो से धर्मेंद्र गायकवाड़ की रपट


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