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भारत में 1 मई से 18+ वालों को वैक्सीन लगने में हो सकती है देरी, जानें क्या हैं प्रमुख कारण | Newsforum

नई दिल्ली | कोरोना संक्रमण को हराने के लिए भारत ने वैक्सीन इजाद कर लिया है और यह वैक्सीन कारगर भी है। इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने पहले चरण में 45 प्लस के लोगों का टीकाकरण शुरू किया। विपक्षी दलों व विभिन्न गैर सरकारी संगठनों सहित पूर्व प्रधानमंत्री व अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह की मांग पर केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ाते हुए अब 18 प्लस के लोगों टीका लगाने का दूसरा चरण प्रारंभ किया है। निश्चित ही जल्द ही भारत कोरोना वायरस से मुक्त हो जाएगा। इसके लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं।

 

1 मई से शुरू हो रहे टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण से पहले केंद्र सरकार ने राज्यों को निर्देश दिया है कि 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन देने के लिए पुराने स्टॉक का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। केंद्र ने राज्यों को कहा कि 18 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को वैक्सीन देने में नई खरीद वाली स्टॉक का ही इस्तेमाल किया जाए। इतना ही नहीं, केंद्र सरकार ने कहा कि है प्राइवेट अस्पतालों को भी नए सिरे से खरीदी गई वैक्सीन का ही इस्तेमाल करना होगा, न कि मौजूदा स्टॉक वाली वैक्सीन का। बता दें कि 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को भी वैक्सीन लगनी है।

 

इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगहानी द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि निर्माता कंपनी 50 फीसदी वैक्सीन केंद्र सरकार को मुहैया कराती है और इन्हीं टीकों को मौजूदा वक्त में सभी राज्यों को दिया जाता है, जिससे 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन दी जा रही है। सरकार ने कहा है कि ये टीके मौजूदा प्राथमिकता वाले लाभार्थियों के लिए राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को दिए जाएंगे, जिनमें हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 प्लस उम्र वाले लोग शामिल हैं।

 

कंपनी की जो बची हुई 50 फीसदी वैक्सीन है, उससे 18 साल से अधिक उम्र वाले लोगों का टीकाकरण हो सकेगा। वैक्सीन की शेष 50 प्रतिशत आपूर्ति कंपनी भारत सरकार के अलावा किसी राज्य या प्राइवेट अस्पताल को कर सकती है, जिसका उपयोग राज्य और निजी अस्पतालों द्वारा 18-44 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को टीकाकरण के लिए किया जा सकता है। यानी केंद्र सरकार को 50 फीसदी वैक्सीन देने के बाद जो वैक्सीन कंपनी के पास बचेगी, उसका इस्तेमाल राज्य सरकारें और प्राइवेट अस्पताल 18 साल स अधिक और 45 साल से कम उम्र वाले लोगों को वैक्सीन देने में करेंगे।

 

पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा मुहैया कराई गई वैक्सीन का इस्तेमाल मौजूदा प्राथमिकता समूहों से परे व्यक्तियों के लिए नहीं किया जाएगा। बता दें कि भारत सरकार के हिसाब से मौजूदा प्राथमिकता वाले समूह में सिर्फ अभी 45 साल से अधिक उम्र वाले लोग, हेल्थ वर्कर्स, और फ्रंट लाइन वर्कर्स हैं।

 

केंद्र ने भारत सरकार ने अब तक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को टीके की 15,65,26,140 खुराक मुफ्त प्रदान की हैं। केंद्र ने कहा कि राज्यों ने अब तक वैक्सीन की अपव्य सहित कुल खपत 14,64,78,983 खुराक की है। एक करोड़ से अधिक खुराक (1,00,47,157) अभी भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास देने के लिए उपलब्ध है। 80 लाख से अधिक (86,40,000) खुराक अगले तीन दिनों में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पास पहुंच जाएगी।

 

हालांकि, कई राज्यों ने 1 मई से शुरू होने वाले अभियान से पहले वैक्सीन की कमी की बात कही है। कई राज्यों ने 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को वैक्सीन देने में असमर्थता व्यक्त की है, क्योंकि टीका निर्माताओं ने कहा है कि उन्हें टीकों की पर्याप्त आपूर्ति 15 मई के बाद ही सुनिश्चित की जा सकती है।

 

पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ ने कहा है कि वे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक इंटरनेशनल में वैक्सीन की पर्याप्त विनिर्माण क्षमता के अभाव में टीकों की बढ़ती मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं। पंजाब ने कहा है कि उसके पास जहां 2 लाख खुराकें बची हैं, वहीं राजस्थान ने कहा कि उसे सीरम 15 मई के बाद ही वैक्सीन उलब्ध करा पाएगा। ऐसे में अब सवाल उठता है कि क्या 1 मई से सभी जगह 18 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को वैक्सीन मिल पाएगी। क्योंकि केंद्र से मिलने वाली वैक्सीन का इस्तेमाल राज्य सरकारें 18 प्लस वालों के लिए नहीं कर सकतीं। इसके लिए उऩ्हें कंपनी से अलग से वैक्सीन लेनी होगी।


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