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शिक्षा विभाग में एलबी संवर्ग वर्ग के अजा-अजजा वर्ग के 45% शिक्षकों को अनारक्षित बिंदु के रेगुलर प्रमोशन से उठाना पड़ेगा सीधा नुकसान- विनोद कुमार | ऑनलाइन बुलेटिन

©विनोद कुमार कोशले, बिलासपुर, छत्तीसगढ़


 

रायपुर | (छत्तीसगढ़ बुलेटिन) | अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के 45% एलबी संवर्ग के शिक्षक ध्यान देंगे, शिक्षा विभाग द्वारा आनन-फानन में जारी तत्काल पदोन्नति देने आदेश हमारे SC, ST वर्गों के लिए अहितकारी है।

 

आप सभी शिक्षक एलबी संवर्ग के शिक्षकों को ज्ञात है कि पिछली भूपेश कैबिनेट की बैठक में संविलियन पश्चात एल.बी संवर्ग के शिक्षकों को पदोन्नति हेतु 5 वर्ष के समय बंधन को शिथिल करते हुए 3 वर्ष निर्धारित करने निर्णय लिया गया था। राज्य सरकार के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं।

 

बीते सप्ताह 31 दिसंबर 2021 को उक्त मंत्रिमंडल निर्णय का राजपत्र में प्रकाशन किया गया है। आज 6/01/2022 को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 31/1/2022 तक एल. बी.संवर्ग के प्रधान पाठक प्राथमिक शाला, प्रधान पाठक माध्यमिक शाला एवं शिक्षक के पद पर तत्काल पदोन्नति करने आदेश जारी हुआ है।

 

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्राथमिक शाला के 21533 पद रिक्त व प्रधानपाठक माध्यमिक शाला के 8050 पद रिक्त हैं। मिडिल स्कूलों में भी शिक्षक के लगभग 15 हजार पद रिक्त है।

 

आप सभी को ज्ञात है कि हम SC, ST वर्ग के एम्प्लाई डेढ़ वर्षों से पदोन्नति में आरक्षण के लिए उच्च न्यायालय बिलासपुर व शासन प्रशासन से संघर्ष कर रहे हैं।

 

वर्तमान में रेगुलर प्रमोशन के नाम पर सारे पदों को अनारक्षित बिंदु में गैर आरक्षित वर्गों से भरा जा रहा है। पदोन्नति से राज्य के 45% अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। आगामी 14 फरवरी 2022 को कोर्ट में पदोन्नति में आरक्षण मामले की अंतिम सुनवाई हो सकती है। आशा है हमें कुछ रिलीफ़ मिले। शिक्षा विभाग में रेगुलर प्रमोशन अनारक्षित बिंदु के आधार पर भरने से एल.बी.संवर्ग वर्ग के अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के 45% शिक्षकों को सीधा नुकसान उठाना पड़ेगा। जिसकी भरपाई आगामी समय में मुश्किल होगा।

 

अन्य विभागों में अब तक हुए सारे पदोन्नति की रिव्यु डीपीसी के लिए भी हमे तैयार रहने होंगे। कोर्ट में आरक्षण बहाली के अगले टास्क के लिए तैयार रहने होंगे।

 

पदोन्नति में आरक्षण के बगैर स्कूल शिक्षा विभाग की पदोन्नति हमें कतई मंजूर नहीं है। वेतन बढ़ाने के लिए हम आरक्षित वर्ग के शिक्षक लगातार 18 दिन तक बूढ़ा तालाब में डंटे रहे। अंततः खाली हाथ वापस आना पड़ा। अब लड़ाई हमारे खुद के संवैधानीक अधिकार पदोन्नति में आरक्षण के लिए है। आशा है आप सभी वेतन बढ़ोतरी आंदोलन में सक्रियता की तरह पदोन्नति में आरक्षण प्राप्ति हेतु भी सक्रियता दिखाएंगे।

 

आप सभी को भली-भांति पता है कि नियुक्ति सूची के अनाराक्षित बिंदु में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के नगण्य कंडीडेट होते हैं। रिजर्व कैटेगरी का नंबर वरिष्ठता में अनरिजर्व केटेगरी के बाद आता है। जिससे हम वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति में स्थान नहीं बना पाते।

 

भारत के संविधान में आर्टिकल 16(4)क व 335 में पदोन्नति में आरक्षण प्रदान करने व प्रत्येक शासकीय पदों में हमारे दावे प्रावधानित हैं।

 

बस इसी को बचाना है संगवारी। आप सभी की प्रतिक्रिया आने के बाद तत्काल ठोस कार्ययोजना बनानी है। इस सन्देश को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। समय हमारे पास बहुत कम है।


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