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मिनीमाता गुरुद्वारा प्रबंधन समिति की बैठक में अध्यक्ष सुखराम खुटे ने समाज को शिक्षित व संगठित होने पर दिया जोर | newsforum

बिलासपुर |  जिले के मस्तूरी विकासखंड अंतर्गत पचपेड़ी क्षेत्र में मिनीमाता गुरुद्वारा प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक शुरू करने के पूर्व सभी महापुरूषों के छायाचित्र पर माल्यापर्ण कर मोमबत्ती जलाई गई। इसके पश्यात मिनीमाता गुरुद्वारा प्रबंधन समिति की बैठक में नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का तालियों की गड़ड़ाहट के बीच पुष्प हार पहनाकर स्वागत किया गया। इस दौरान कोरोना गाइडलाइन नियमों के तहत सामाजिकजनों ने फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन किया।

 

बैठक के दौरान नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री सुखराम खुटे ने समाज को संबोधित करते हुए अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि समाज के विकास के लिए अत्यंत जरुरी है कि शिक्षा के प्रति अग्रसर होंवे। यदि हम शिक्षित नहीं होंगे तो हमें अपने अधिकारों के प्रति जानकारी नहीं होगी। हमारे लिए कौन-कौन से कानून बनें हैं और किन योजनाओं से हमारा और दलित समाज का विकास संभव है, इसकी जानकारी शिक्षा से ही संभव हो पाएगी।

शिक्षा के साथ ही अनुसूचित जाति समाज को संगठित होना होगा। संगठन में बड़ी शक्ति है। संगठित होने पर हम बड़े से बड़ा काम कर सकेंगे, लेकिन संगठन में अनुशासन का होना अत्यंत ही आवश्यक है। संगठन बनने पर शक्ति का विस्तार होता है, और बिना अनुशासन के शक्ति आत्महत्या के समान होती है। इसलिए हमें अनुशासन पर भी जोर देना होगा। जिसका बैठक में उपस्थित सामाजिक जनों ने अपनी पूर्ण सहमति जताई।

 

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा, संगठन के साथ ही हम सबको मिलकर संघर्ष करना होगा। जब हम शिक्षा की ओर अग्रसर होंगे तो हमें वे सभी जानकारी मिलेंगी जिससे हमें हानि अथवा नुकसान है। जानकारी होने पर हम सही रास्ते पर बढ़ेंगे और समाज का विकास होगा। शिक्षा के साथ ही संगठित होते जाएंगे तो हमारी शक्ति भी बढ़ेगी और हम अपने समाज के व्यक्ति को समाज के विकास के लिए नेतृत्व देकर सांसद, विधायक बनाएंगे। ये संगठन से संभव होगा। इसलिए अनुसूचित जाति समाज को संगठित होना आवश्यक है।

नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री सुखराम खुटे ने कहा कि यदि हम सब मिलकर संघर्ष करेंगे तो वह दिन दूर नहीं जब सत्ता की चाबी हमारे हाथों में होगी। इन सबके लिए हमारे महापुरुषों द्वारा बताए गए मार्ग पर चलना बहुत जरुरी है। समाज को नई दिशा और समाज को संगठित व शिक्षित करने पर जोर देने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग के लोगों के दु:ख-सुख में साथ देने तथा गुरु घासीदास के बताए गए मार्ग पर चलते हुए मनके-मनके एक समान की बात को शिरोधार्य करने को कहा।

 

बैठक में प्रमुख रूप से उपाध्यक्ष दीपक बंजारे, प्रदीप चेलके, अघन सोल्डे, संजय जांगड़े, समय लाल पुरैना, व्यास नारायण घृतलहरे लक्ष्मीकांत, सुभाष टंडन, राम गोपाल भार्गव, विमल कांत दिनेश पाटले आदि समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।


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