.

अंतर्राष्ट्रीय जैवविविधता दिवस : छत्तीसगढ़ में 22 मई को 4 क्षेत्रों में 8 व्यक्ति तथा संस्था होंगे पुरस्कृत | Newsforum

 रायपुर |    छत्तीसगढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड के सदस्य सचिव  अरूण कुमार पाण्डेय ने बताया कि पुरस्कार के लिए 4 क्षेत्रों के अंतर्गत वन्य प्राणियों का संरक्षण तथा पालतू प्रजातियों का संरक्षण और जैव संसाधनों का पोषणीय उपयोग को चयनित किया गया है। इसी तरह सभ्यता, संस्कृति एवं धरोहर से जैवविविधता संरक्षण और श्रेष्ठ जैवविविधता प्रबंधन समिति को चयनित किया गया है। इनमें वन्य प्राणियों का संरक्षण के अंतर्गत एक पुरस्कार संस्था को दिया जाएगा। पालतू प्रजातियों का संरक्षण के अंतर्गत एक पुरस्कार व्यक्ति तथा एक पुरस्कार संस्था को दिया जाएगा। जैव संसाधनों के पोषणीय उपयोग के अंतर्गत एक व्यक्ति तथा एक संस्था को पुरस्कृत किया जाएगा। सभ्यता, संस्कृति एवं धरोहर से जैवविविधता के मानव जाति सभ्यता एवं संस्कृति के अंतर्गत एक संस्था को पुरस्कृत किया जाएगा। धरोहर संरक्षण के अंतर्गत एक संस्था को पुरस्कृत किया जाएगा। श्रेष्ठ जैवविविधता प्रबंधन समिति के अंतर्गत एक बी.एम.सी. को पुरस्कृत किया जाएगा।

 

छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों तथा जैवविविधता से संपन्न राज्य है। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन मंत्री  मोहम्मद अकबर के दिशा-निर्देशन में छत्तीगसढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड द्वारा ‘जैवविविधता पुरस्कार‘ का संचालन किया जा रहा है। इस तारतम्य में छत्तीसगढ़ राज्य में जैवविविधता के प्रचार-प्रसार तथा इसके संरक्षण में बेहतर कार्य कर रहे व्यक्ति तथा संस्था को प्रोत्साहित करने और जन-जन में जैवविविधता के मूल्य को पहुंचाने के उद्देश्य से पुरस्कार दिया जाता है।

 

इसके तहत प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय जैवविविधता दिवस 22 मई को उक्त पुरस्कार वितरित किया जाता है। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड द्वारा 4 विभिन्न क्षेत्रों के अंतर्गत कुल 8 पुरस्कार दिए जाएंगे। इसके चयन के लिए संबंधित व्यक्तियों एवं संस्थानों से जैव विविधता के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के विस्तृत विवरण एवं फोटोग्राफ्स के साथ 20 मई 2021 तक छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड कार्यालय में प्रस्ताव मंगाया गया है। यह प्रस्ताव ई-मेल cgmsbdb@gmail.com में भी प्रेषित किया जा सकता है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नं. 99770-82820 में संपर्क किया जा सकता है।

 

इस संबंध में वन मंत्री  मोहम्मद अकबर ने बताया कि यह पुरस्कार जैवविविधता के संरक्षण तथा प्रबंधन और विलुप्त होने वाले प्रजातियों को बचाने की ओर एक कारगर कदम साबित होगा। साथ ही जैवविविधता समितियां अपने जैव संसाधनों का पारंपरिक ज्ञान स्थानीय लोगों में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए तथा जैव विविधता के संरक्षण और पोषणीय उपयोग के लिए प्रोत्साहित होगी। पुरस्कार के संबंध में जानकारी देते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक तथा वन बल प्रमुख  राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि इसके तहत प्रत्येक वर्ष दो व्यक्तियों तथा छह संस्थाओं अथवा बी.एम.सी. समितियों को पुरस्कृत किया जाता है। इनके विजेताओं को प्रमाण पत्र तथा प्रति व्यक्ति 25 हजार रूपए की राशि और संस्थाओं को 50 हजार रूपए की राशि वितरित की जाएगी।

©मस्तूरी से राम गोपाल भार्गव की रपट


Back to top button