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महाराष्ट्र के नर्तक दल धनगरी ग़ज़ा नामक लोक नृत्य कर आदिवासी नृत्य महोत्सव में लुभा रहे मन | ऑनलाइन बुलेटिन

रायपुर | [धर्मेंद्र गायकवाड़] | CG News: छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के दूसरे di aat 2 नवंबर को लोककलाकार अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं। इनमें दल धनगरी ग़ज़ा नामक लोक नृत्य का आकर्षक प्रदर्शन किया जा रहा है। इसमें ध्वज छत्र इस नृत्य का मुख्य आकर्षण है।

 

इसमें हाथी के चलेने जैसा स्वरूप है इस नृत्य का, जिसमें छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं।

 

पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही इस परम्परा को सांगली के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है नृत्य।

 

नृत्य के साथ बांसुरी की तान, झाँझ सबसे मुख्य वाद्य यंत्र है जो दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।

 

इस नृत्य में शिव पार्वती का जुड़ाव दर्शाया गया है। माँ पार्वती रूठ गई है, इस दृश्य का भी प्रस्तुतिकरण कहा जा सकता है।

 

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