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राजभवन की नहीं सुन रहे अफसर:राज्यपाल को 3 साल में भेजी 25 शिकायतें, निराकरण नहीं, 2019 के बाद से भेजे जा रहे पत्र l ऑनलाइन बुलेटिन

बिलासपुर l (छत्तीसगढ़ बुलेटिन) l प्रदेश के कई जिलों के प्रशासनिक अधिकारी छत्तीसगढ़ राजभवन से आने वाली शिकायत और आवेदनों की सुनवाई करने को तैयार नहीं हैं। साल 2019 में राज्यपाल अनुसुइया उइके की नियुक्ति के बाद से अब तक करीब 25 मामले संबंधित अधिकारियों को भेजे जा चुके हैं, लेकिन इनमें एक का भी निराकरण नहीं किया गया है। यह शिकायतें भी किसी आम व्यक्ति की नहीं बल्कि सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों की है। नाराज राज्यपाल ने सचिव के जरिए उन मामलों को भेजकर कलेक्टरों को जल्द जांच प्रतिवेदन भेजने के निर्देश दिए हैं, ताकि वे इन मामलों की समीक्षा कर आगे की कार्रवाई तय कर सकें।

 

सचिवालय ने संभागायुक्त को पत्र लिखकर उन सभी आवेदन और शिकायतों का उल्लेख किया है, जिनमें सुनवाई की प्रक्रिया अटकी हुई है। इनमें पहली शिकायत कोरबा के लक्ष्मीकांत निराला द्वारा की गई है। उन्होंने अपने ही डिपार्टमेंट यानी क्रेडा में पदस्थ अधिकारी राजीव खरे और चंद्रशेखर शर्मा द्वारा मानसिक रूप से परेशान करने की शिकायत की है। उन्होंने लिखा है कि प्रताड़ना के चलते मानसिक स्थिति खराब हो गई है। और कभी भी वे आत्महत्या करने जैसा कदम उठा सकते हैं। दूसरी शिकायत पेंड्रा मरवाही से हुई है।

 

पतगंवा की इंद्रवती मसराम पति हरभजन सिंह ने लिखा है कि उनकी आदिवासी जमीन पर गैर आदिवासी ने कब्जा कर लिया है। अब वहां मकान बनाया जा रहा है, फिर भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। तीसरी शिकायत तोरवा की अनुराधा ध्रुव ने की है। उन्होंने बतौर सहानुभूति उनके पिता की पेंशन उन्हें दिलाने की मांग की है। चौथी शिकायत मुंगेली के पथरिया में रहने वाले प्रहलाद यादव ने की है। उन्होंने बताया है कि उनकी जमीन को कूटरचित तरीके से राजीनीति प्रभाव वाले रसूखदारों ने हड़प लिया है। ऐसा राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ है, जिसकी सुनवाई बाकी है। कोई उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहा है।

 

जानिए, कुछ बड़े मामले, जिनमें रुकी है जांच और कार्रवाई

 

केस-1, सांसद ने लिखा- सहायक प्राध्यापकों का निलंबन गलत

 

7 जनवरी 2021 को सांसद अरूण साव ने राज्यपाल को डीपी विप्र शिक्षा महाविद्यालय के संदर्भ में आवेदन लिखा है। उन्होंने प्रबंधन द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसरों के निलंबन को गलत ठहराते हुए उनकी बहाली करने की मांग की है। इस मामले में राजभवन ने कलेक्टर से कार्रवाई के संबंध में प्रतिवेदन मांगा है। जो अभी तक नहीं भेजा गया।

 

केस-2, ऑनलाइन टेंडर में मनचाहे ठेकेदार को काम दिलाने की बात

 

मुंगेली में नगर पंचायत पथरिया के मनोज पांडेय ने राज्यपाल को मुंगेली के अधिकारियों की कार्यप्रणाली की शिकायत की है। उन्होंने नगर पंचायतों अधिकारियों पर ऑनलाइन टेंडर में गलत तरीके से मनचाहे ठेकेदार को काम देने और शिकायतों की सुनवाई नहीं करने की जानकारी दी है। उनके मुताबिक ऐसा कई बार हुआ है लेकिन दस्तावेजों में लीपापोती कर अधिकारी बचते रहे हैं।

 

केस-3‎, रायपुर में जमीन पर अवैध कब्जे और जान से मारने की शिकायत

 

रायपुर के तेलीबांधा में ऐश्वर्या रेसिडेंसी के रहने वाले रुपेश सराफ ने भूमाफियाओं की शिकायत की है। उन्होंने लिखा है कि उनकी जमीनों पर बलात कब्जा किया जा रहा है। कुछ खसरा नंबरों का जिक्र करते हुए उन्होंने यह बात राजभवन के संज्ञान में लाई है। और यह भी बताया है कि अफसर रसूखदारों के इशारों पर काम कर रहे हैं, जिसके चलते उनके मामलों में सुनवाई नहीं हो रही है।


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