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Sirpur Buddhist Festival 2023 : प्रदेश स्तरीय अधिकारी कर्मचारी विशाल पारिवारिक मैत्री मिलन व सम्मान समारोह में 7000 से अधिक लोगों की रही उपस्थिति | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

Sirpur Buddhist Festival 2023: रायपुर | [छत्तीसगढ़ बुलेटिन] | State level officer-employee huge family friendship meeting and felicitation ceremony was organized, more than 7000 people were present.

 

Online bulletin dot in: सिरपुर बौद्ध महोत्सव 2023 व प्रदेश स्तरीय अधिकारी कर्मचारी विशाल पारिवारिक मैत्री मिलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन 29 जनवरी 2023 को सिरपुर, महासमुंद, छत्तीसगढ़ में अनु.जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग एवं धार्मिक अल्पसंख्यक आधिकारी कर्मेचारी, छत्तीसगढ द्वारा किया गया। महोत्सव का औपचारिक शुभारंभ बहुजन समाज के सभी प्रबुद्ध जनों, कबीर संतो, गुरुओं, पूर्व माध्यमिक शाला, कठिया के शिक्षकों , सहित लगभग 100 विद्यार्थियों तथा 150 अधिकारी कर्मचारियों के गरिमामई उपस्थिति में 28 जनवरी को किया गया।

Sirpur Buddhist Festival 2023

इस कार्यक्रम में राज्य स्तर से धम्म, संस्कृति, शिक्षा, साहित्य, समाज, इतिहास, कला एवं स्थापत्य से जुड़े बौद्धिक हस्ताक्षर, अधिकारी कर्मचारियों की लगभग 7000 से अधिक संख्या में बहुजन मूलनिवासी समाज के गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही।

 

इस सत्र में संचालक के रुप में भोला चौधरी ने कार्यक्रम की भूमिका और उद्देश्य रखते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक आयोजन द्वारा बहुजन समाज के अधिकारी, कर्मचारी एवं बहुजन साथियों के परिवारों के बीच आपसी पारिवारिक संबंधों को मजबूत करना, समाजिक एकता बढ़ाना, समाजिक सौहार्द बढ़ाना, बौद्धिक परम्परा एवं महापुरुषों के विचारधारा को सतत आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर आपसी सामंजस्य एवं भाईचारा स्थापित करना है। जो आनेवाले समय में बौद्धिक धम्म परम्परा एवं बहुजन मूलनिवासी सभ्यता संस्कृति एवं विरासत को पुनर्स्थापित, विकसित एवं विस्तृत, बहुजन समाज के संवैधानिक हक अधिकार प्राप्त कर करने में सहायक सिद्ध होनेवाली है। (Sirpur Buddhist Festival 2023)

Sirpur Buddhist Festival 2023

उदघाटन सत्र के उपरांत विश्वास मेश्राम, एडिशनल कलेक्टर के द्वारा जादू दिखाकर, खेल की गतिविधियों द्वारा टोना टोटका चमत्कार अंधविश्वाश का वैज्ञानिक विश्लेषणकर नई पीढ़ियों में वैज्ञानिक चेतना का समावेश किया गया।

 

दिनांक 29 जनवरी को धम्म दर्शन आधारित प्रथम सत्र सिरपुर बौद्ध महोत्सव का विधिवत एवम औपचारिक उद्घाटन सभी उपस्थित प्रबुद्ध जनों, अतिथियों, आगंतुकों को गर्मजोशी के साथ स्वागत अभिनंदन के साथ मुख्य उद्घाटक आर्य नागार्जुन भंते सुरई शेषाई, अध्यक्ष, दीक्षा भूमि स्मारक समिति नागपुर एवं अन्य उपस्थित भंते के द्वारा गौतम बुद्ध, बुढा देव, गुरुघासीदास, बाबा साहब डॉ. अंबेडकर एवम सभी संतो गुरुओं, महापुरुषो को पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। उनके द्वारा सभी उपस्थित लोगो को पंचशील धारण कराया और बुद्ध के त्रि शरण,पंचशील, अष्टांगिक मार्ग के सिद्धांतो पर चलने का संकल्प भी कराया गया।

Sirpur Buddhist Festival 2023

29जनवरी2023 के द्वितीय सत्र मुख्यतः बहुजन वैचारिकी आधारित अधिकारी कर्मचारी पारिवारिक मैत्री मिलन एवं सम्मान समारोह का था। जिसमे संचालक अशोक सोनवानी ने सिरपुर बौद्ध महोत्सव एवं अधिकारी कर्मचारी पारिवारिक मैत्री मिलन समारोह की भुमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि हम सब पूर्व से अवगत है कि सिरपुर दुनिया की सबसे बड़ी बौद्ध विरासत है। यहां की कला-स्थापत्य, पुरातत्व अपने आप में दुनिया की महानतम सभ्यता व संस्कृति को संजोए रखा है।

 

दुनिया भर के इतिहास, संस्कृति, भाषा एवं पुरातत्व प्रेमी सिरपुर को बड़े उत्साह व साक्ष्य के तौर पर देखते रहें है। गोंडवाना, संभुद्वीप, जम्बूद्वीप ,भारत भूमि में जन्मे सभी महापुरूषों, संतो, गुरुओ के इस महान सभ्ययता, समण संस्कृति एवं विचारधारा से रूबरू कराने एवं उनके निर्धारित दिशा, निर्देश, सिद्धांतो का अनुगमन कर बहुजन समाज का सशक्तिकरण करने के लिए

*सिरपुर बौद्ध महोत्सव 2023 एवं *प्रदेश स्तरीय अधिकारी कर्मचारी पारिवारिक मैत्री मिलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन सिरपुर में किया गया है। (Sirpur Buddhist Festival 2023)

Sirpur Buddhist Festival 2023

इस सत्र के वक्ता के रूप में नंद कुमार दिव्य दिब्य ने बौद्ध विरासत में सिरपुर का अर्थ एवं महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गोंडवाना गणतंत्र, संभुद्विप की संपूर्ण धरा बौद्धमय रही है। बौद्ध धम्म दर्शन से ही आगे चलकर अनेक पंथ संप्रदायों की उत्पति हुई है। निःसंदेह हमारे धरोहर अस्मिता विरासत ही हमारी सामाजिक इतिहास एवं सामाजिक पूंजी है बाकी तो विरोधी विचारधारा द्वारा मिथकों के इतिहास एवं इतिहास का मिथकीकरण प्रक्रिया की लंबी परंपरा चलती रही है।

 

अगले वक्ता के रुप में रामजी विश्वकर्मा जी बौद्ध महोत्सव एवं समाज के प्रति कर्मचारी/अधिकारियों की जिम्मेदारी को रेखांकित करते हुए कहा कि समाज रूपी नाव का खेवनहार बौद्धिक क्षमता से लवरेज प्रबुद्ध वर्ग होता है। यह प्रबुद्ध वर्ग का कर्तव्य है की बदलते परिस्थिति के अनुरूप बौद्धिक चिंतन द्वारा समाज को सही दिशा प्रदान करे।

 

भुबनेश्वर साहब कबीर संत ने आधुनिक समाज में बौद्ध धम्म दर्शन और कबीर पंथ की प्रासंगिकता पर विस्तार से बाते रखा। उन्होंने कहा कि श्रमण संस्कृति,बुद्ध की परंपरा को ही कबीर, रैदास, गुरुघासीदास ने आगे बढ़ाया जिसे आधुनिक समाज में बाबासाहब ने पुनर्स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई।

Sirpur Buddhist Festival 2023

अमृता मिलन ने-गौतम बुद्ध एवं संतो गुरुओं के दर्शन विषय को उद्घाटित करते हुए बुद्ध की परंपरा को स्थापित करते हुए गौतम बुद्ध, बूढ़ा देव,कबीर, रैदास की विचार धारा को गुरु घासीदास तक प्रासंगिकता के साथ स्थापित किए। महिला सशक्तिकरण में महात्मा बुद्ध , गुरुघासीदास के योगदान को भी गुरुघासीदास जी की पत्नी माता सफूरा के उदाहरण से स्पष्ट किए।

 

रमेश कुमार जाटवर ने बाबसाहब भीमराव अम्बेडकर के बहुजन समाज के लिए संघर्ष को कांशीराम साहब के सन्दर्भ के साथ उल्लेख किया। उन्होंने आज की परिस्थिति में बहुजन समाज की नवनिर्माण में प्रबुद्ध वर्ग के योगदान को भी रेखांकित किया।

 

दाऊराम रत्नाकर ने बहुजन राजनिति में अधिकारी कर्मचारी और प्रबुद्ध वर्ग की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए प्रबुद्ध वर्ग को समाज का पोषक आहार, ईंधन कहा। प्रबुद्ध वर्ग ही आज बहुजन समाज को सही दिशा राजनीतिक को निर्देशित करने में अहम भूमिका निभा सकती है।

Sirpur Buddhist Festival 2023

डॉ हेमलता माहेश्वरी , प्रोफेसर जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने सिरपुर और बौद्ध धम्म की प्रासंगिकता पर विस्तार से बाते रखते हुए कहा कि सिरपुर हमसब की ऐतिहासिक धरोहर हैं जिसे विकसित और संरक्षित करना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए ।

 

डॉ प्रो एन वी ढोके, एनआईटी नागपुर ने बौद्ध धम्म और वैज्ञानिक चेतना पर वृहत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि धम्म पूर्ण रूप से वैज्ञानिकता तार्किकता पर आधारित सिद्धान्त है जिससे मानव समाज पाखण्ड रूढ़ियों से मुक्त होकर चेतनात्मक कल्याण कर सकता है।

 

भूपेंद्र बौद्ध ने PAY BACK TO SOCIETY पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बहुजन समाज महापुरूषों के कर्जदार है जिसे आज टाइम टैलेंट ट्रेजरी के द्वारा समाज को सामाजिक सांस्कृतिक राजनीतिक आर्थिक रुप से सशक्त बनाने हेतु लौटाने की कोशिश करनी चाहिए।

 

मन्नू कुर्रे ने बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी के 40 वर्षों के संघर्ष को उल्लेखित करते हुए बाबा साहब के संपूर्ण जीवन को रेखांकित किया तथा बहुजन मूलनिवासी समाज की भुमिका को स्पष्ट किए।

 

हरिश्चन्द्र मिरी ने महात्मा ज्योतिबा फुले साहब के संघर्ष और सामाजिक सांस्कृतिक राजनीतिक आर्थिक परिर्वतन को रेखांकित किया।

 

इं.श्याम लाल नेगी ने गौतम बुद्ध का बौद्ध धम्म दर्शन और बूढ़ा देव की परंपरा मानवीय मूल्यों में समानता को उद्घाटित किया। आगे कहा की आज आधुनिक समाज में खत्म होते बहुजनो के हक अधिकार पर प्रकाश डालते हुए संविधान की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।

Sirpur Buddhist Festival 2023

राज कुमार चौधरी, प्रमुख उद्योगपति ने बहुजन समाज के लिए शिक्षा की भुमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अधिकारी कर्मचारी को आपसी तालमेल बिठाकर बहुजन को विकसित करने में अहम भूमिका का निर्वाह करनी चाहिए। उन्होंने बहुजन समाज को सामाजिक आर्थिक राजनीतिक सांस्कृतिक रुप से सशक्त बनाने में तन मन धन से हमेशा सहयोग करने का आश्वासन भी दिया।

 

शंकर लाल दास ने सामाजिक सांस्कृतिक राजनीतिक आर्थिक परिर्वतन में बौद्धिक संपदा, विचारधारा के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए बाबासाहब अंबेडकर की दिशा को रेखांकित किया। उन्होंने कहा की बुद्ध धम्म ही मानवीय मूल्यों का आधार स्तंभ है ।

Sirpur Buddhist Festival 2023

नादिया भूषण ने अधिकारी कर्मचारी पारिवारिक मैत्री मिलन समारोह की प्रासंगिकता पर वृहत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि बहुजन समाज के सामाजिक सांस्कृतिक राजनीतिक आर्थिक परिर्वतन लाने में प्रबुद्घ वर्ग अहम भूमिका का निर्वाह कर सकती है।

 

डी. एल. रात्रे ने सामाजिक संगठनों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए संगठन को मानव शरीर रूपी ढांचे का रीढ़ बताया। सामाजिक सांस्कृतिक संगठन ही राजनीतिक आर्थिक परिर्वतन को दिशा प्रदान करती हैं।

 

बसंत नारंग ने सिरपुर और बाबा गुरु घासीदास जी का सतनाम आंदोलन और बौद्ध दर्शन की ऐतिहासिक साम्यता को रेखांकित किया।

 

दिलीप वासनिकर, सेवा निवृत आईएएस अधिकारी, ने सामाजिक सांस्कृतिक राजनीतिक आर्थिक परिर्वतन में प्रबुद्घ वर्ग की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बहुजन समाज के प्रबुद्ध बुद्धजीवी वर्ग ही नई पीढ़ियों को मार्ग दर्शन कर हक अधिकार बचाने में सक्षम है।

 

सुनील रामटेके, भिलाई स्टील प्लांट, पारिवारिक मैत्री मिलन की प्रासंगिकता और बहुजन समाज की दिशा धारा पर वृहत रूप से प्रकाश डाला।

Sirpur Buddhist Festival 2023

उपरोक्त प्रमुख वक्ताओं के अलावे लगभग 50 अधिकारी कर्मचारी तथा वहुजन समाज के प्रबुद्घ , सक्रिय साथियों का मंच पर गरिमामय उपस्थिति रही।

 

आपको बताते चले कि इस महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया जिसमें राजेन्द्र प्रेमी, धर्मेन्द्र महिलांगे, सुनील एक्सरे ,गीता विश्वकर्मा जी, कविता सोनवानी,निलिमा भारती, कन्या शाला सरगांव कर्मा नाच, टेकराम मिरी, अश्वनी वर्मन ने भीमगीत, बहुजन गीत की अपनी प्रस्तुती दिए।(Sirpur Buddhist Festival 2023)

 

इस सिरपुर बौद्ध महोत्सव 2023 को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने में रवी मिलन, शिव टंडन, वासुदेव बंजारे, रमेश कुमार जाटवर, राज कुमार चौधरी, शंकर लाल दास जी, भोला चौधरी, सुनिल गनवीर,

एन के दिब्य, रामजी विश्वकर्मा, भूपेंद्र बौद्ध, अमृता मिलनहरिश्चन्द्र मिरी, मन्नू कुर्रे, इंजी.श्याम नेगी, भुषण नादिया, हिमेंद्र सिरमौर, विश्वास मेश्राम, दिलीप वासनिकर, डी. एल. रात्रे , आयुसमती बसंत नारंग, राजेन्द्र प्रेमी, कृष्णा नंदेश्वर, संपत लाल भास्कर, मणिकांत चौधरी, सी एल डोले, ए आर भास्कर, एस एस कौशल, अजय खूंटे, डी एल आनंद, डॉ आर के सुखदेवे, रथ राम बजाज, रोहित निराला, राम प्रकाश मिरी, महेंद्र कुलदीप, यशपाल निराला,महेंद्र कोसरिया, नांजी बाघमारे, एच आर सोनवानी, नरेंद्र डहरिया, नरेंद्र बाबरिया, किशन लक्ष्में, विजय कुर्रे, विनोद बघेल, पुन्नू राम देशलहरे, वेणीराम गायकवाड, संदीप बंजारे, सुनिल चौधरी, अश्वनी वर्मन ,धर्मेन्द्र महिलांगे ,सुनील एक्सरे ,गीता विश्वकर्मा, कविता सोनवानी ,निलिमा भारती ,टेकराम मिरी , डी आर बघेल, अंजू मेश्राम, जी आर टंगवार, टिकेश्वर खरे, दिनेश घृतलहरे, मोहन बंजारे, मोहनलाल सोनकर, रोहित निराला, भावसिंह डहारे , संतोष मारिया, अजय कोल्हे, मोहर सिंह, करुणानिधि जगत , विश्वनाथ कुर्रे, राकेश डिस्पाट, विनोद घिरे, डॉ गोविंद चौहान डॉ अविनाश इंगले, डॉ दिलीप घृतलहारे, डॉ पी आर घृतलहरे, डॉ सौरभ लहरे , उमेश लक्ष्मे, पवन निराला, देव भारद्वाज, नेमू सोनवानी, आर पी संभाकार, मुक्तावन कुर्रे, डब्लू जेम्स, सुरेश नारंग, गिरिधर निराला, सहित बहुजन समाज के सभी आधिकारी, कर्मेचारी एवं समस्त मूलनिवासी बहुजन समाज के प्रबुद्ध जन, कार्येकता, साहित्यकार, सामाजिक चिंतक, मीडिया कर्मियों का अहम भूमिका रही।

Sirpur Buddhist Festival 2023

इस प्रदेश स्तरीय महोत्सव में मंच संचालन भोला चौधरी, अशोक सोनवानी तथा सुनिल गनवीर ने आपसी सहयोग और समन्वय के साथ किए।आगंतुकों का धन्यवाद और आभार प्रदर्शन वासु बंजारे ,भिलाई स्टील प्लांट ने किया।

 

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