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छोटे स्टेशनों में ट्रेन स्टॉपेज व MST की मांग को लेकर संघर्ष समिति का जोनल ऑफिस के सामने धरना l ऑनलाइन बुलेटिन

बिलासपुर l ऑनलाइन बुलेटिन l शुक्रवार को छात्र युवा नागरिक रेलवे जोन संघर्ष समिति ने बिलासपुर में जोनल मुख्यालय के सामने धरना दिया। कोरोना काल के बाद से रेलवे ने छोटे स्टेशनों में ट्रेनों का स्टॉपेज बंद कर दिया है। इसके साथ ही MST की सुविधा भी बंद कर दी गई है। इसके चलते यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उनके इस धरने की खबर मिलते ही RPF की टीम उन्हें हटाने पहुंच गई। हालांकि, कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद RPF की टीम लौट गई और धरना-प्रदर्शन जारी रहा।

 

कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए रेलवे ने वर्ष 2020 में ट्रेनों को बंद करने का ऐलान किया। इसके चलते लंबे समय तक ट्रेनें बंद रहीं। फिर बाद में रेलवे ने ट्रेनों को स्पेशल बनाकर शुरू किया। इसके बाद दो साल से बिलासपुर जिले के साथ ही कई जिलों के छोटे स्टेशनों में रेलवे ने स्टॉपेज बंद कर दिया है। इसके चलते लोगों ने रेलवे की सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है।

 

दूसरी ओर कोरोना काल के बाद से डेली यात्रा करने वाले यात्रियों को दी जाने वाली MST टिकट को भी बंद कर दिया गया है। इससे रोज यात्रा करने वाले यात्रियों को अधिक किराया देना पड़ रहा है। इससे आर्थिक बोझ बढ़ गया है। बिलासपुर में छोटे स्टेशनों में ट्रेनों के स्टॉपेज सहित यात्री सुविधा मुहैया कराने और MST टिकट शुरू करने की मांग को लेकर शुक्रवार को छात्र युवा नागरिक रेलवे जोन संघर्ष समिति ने जोनल मुख्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया।

 

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि नागरिकों की मांग को लेकर रेलवे से यात्री सुविधा मुहैया कराने की मांग की जा रही है। रेलवे ने इस धरना-प्रदर्शन को कुचलने का प्रयास किया और RPF की टीम को भेज दिया। तब हमने सोच लिया था कि इसके बाद भी हम धरना-प्रदर्शन करेंगे।

 

पदाधिकारियों ने रेलवे को चेतावनी देते हुए कहा कि जिस तरह से रेलवे जोन की मांग को लेकर वर्ष 1996 में उग्र आंदोलन किया गया था, उसे याद रखें। शहर की जनता को उग्र आंदोलन के लिए न उकसाएं और यात्रियों की सुविधा के लिए छोटे स्टेशनों में ट्रेनों का स्टॉपेज दे और मंथली पास सुविधा मुहैया कराएं।

 

संघर्ष समिति के सुदीप श्रीवास्तव ने कहा कि रेलवे ने छोटे स्टेशनों में स्टॉपेज बंद करने से अर्थव्यवस्था को नुकसान करने वाला है। निजी काम करने वाले लोग रोज ट्रेनों में आना-जाना करते थे। लेकिन, अब ट्रेन सुविधा नहीं मिलने से उन्हें बस से यात्रा करना पड़ा रहा है। रेलवे के इस फैसले बेरोजगारी बढ़ रही है।

 


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