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छत्तीसगढ़ के पेरियार श्री नंदकुमार बघेल की गिरफ्तारी असंवैधानिक – छत्तीसगढ़ नागरिक संयुक्त संघर्ष समिति | Newsforum

रायपुर | छत्तीसगढ़ के पेरियार के नाम से विख्यात 84 वर्षीय श्री नंदकुमार बघेल की आखिरकार गिरफ्तारी हो गई। गौरतलब है कि पिछले दिनों नंदकुमार बघेल ने यूपी में एक बयान दिया था जिसे ब्राम्हण विरोधी कहा जा रहा है। उनके इस बयान को लेकर एक ब्राम्हण गुट की शिकायत पर उनकी गिरफ्तारी की गई। उनकी गिरफ्तारी को असंवैधानिक बताते हुए छत्तीसगढ़ नागरिक संयुक्त संघर्ष समिति के गोल्डी एम जॉर्ज समेत अन्य सहभागी संगठनों ने निंदा की है।

 

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में श्री नंदकुमार बघेल ने कहा था ‘’ब्राम्हण विदेशी है उन्हें गंगा से वोल्गा भेजा जाना चाहिए। यहां पर ब्राम्हण को विदेशी कहे जाने पर आपत्ति है। अगर ये आपत्ति सही है तो सबसे पहले उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए जिन ब्राम्हणों ने अपने आपको विदेशी होने की बात कही है; उनमें महापंडित राहुल सांकृत्यायन, भारत एक खोज में पंडित जवाहर लाल नेहरू, लोकमान्य तिलक आदि- आदि।

 

ज्ञात हो कि नंद कुमार बघेल को एक वर्ग विशेष के खिलाफ तथाकथित टिप्पणी करने के आरोप में रायपुर पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। उन्हें 15 दिनों के लिए ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया गया है। अब 21 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी।

 

भारत एक ऐसा देश है जब एक समुदाय विशेष जंतर मंतर दिल्ली में संविधान की प्रतियां जलाता है, मनुस्‍मृति को लागू करने के नारे लगाता है तब गिरफ्तारियां नहीं होती। संविधान के हक-अधिकार, आरक्षण, जाति जनगणना के खिलाफ बोलने या लिखने से गिरफ्तारियां नहीं होती लेकिन एक 84 साला बुजुर्ग की गिरफ्तारियां होती है जिन्होंने उनकी ही बात को दोहराया है।

 

नंदकुमार बघेल छत्तीसगढ़ में लंबे समय से बहुजन जागृति के संदर्भ में कार्य करते आ रहे हैं। यह समझने की जरूरत है कि असल परेशानी उन्हें इनके भाषण से नहीं है। शिकायतकर्ताओं की परेशानी है कि एक ओबीसी मुख्यमंत्री जिन्होंने ओबीसी आरक्षण हेतु ओबीसी गणना का आदेश दिया है। ताकि ओबीसी के आरक्षण का मार्ग प्रशस्त हो सके। उन्हें परेशानी है कि देश के अजा-अजजा, ओबीसी एवं अल्पसंख्यक को जगाने में नंदकुमार बघेल निर्णायक भूमिका में है। भेदभाव पूर्ण ब्राम्हणवादी व्यवस्था का वे विरोध करते हैं, लेकिन कई ब्राम्हण उनके शार्गिद भी हैं। चंद लोगों को इसी से परेशानी है कि ओबीसी सामाज आज जाग रहा है और जातीय गुलामी को तोड़ने की ओर अग्रसर है। वे आज अपने संवैधानिक हकों को मांग रहे हैं। इसी बहाने वे ओबीसी मुख्यमंत्री को ही निशाना बनाना चाहते हैं।

 

वे लोग जो भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के पहले से नंदकुमार बघेल को जानते हैं, उन्हें मालूम है कि वे वंचित समुदाय अजा-अजजा, ओबीसी एवं अल्पसंख्यक के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे हैं। उनकी पहचान एक लेखक, किसान नेता एवं ओबीसी-बहुजन नेता के रूप में पहले से स्थापित है। ऐसी स्थिति में उनकी गिरफ्तारी एक षड़यंत्र का हिस्सा है। जिसकी हम निंदा करते हैं। समस्त अजा-अजजा, ओबीसी एवं अल्पसंख्यक समाज को करनी चाहिए।

 

विनीत :

डॉक्टर गोल्डी एम जॉर्ज

छत्तीसगढ़ नागरिक संयुक्त संघर्ष समिति

सहभागी संगठन : दलित मुक्ति मोर्चा / दलित स्टडी सर्कल / दलित मूवमेंट असोसीएशन / जाति उन्मूलन आंदोलन – छत्तीसगढ़ / छत्तीसगढ़ पिछड़ा समाज / सामाजिक न्याय मंच छत्तीसगढ़ / छत्तीसगढ़ महिला अधिकार मंच / महिला मुक्ति मोर्चा, छत्तीसगढ़ / महिला जागृति संगठन / सबला दल / छत्तीसगढ़ बाल श्रमिक संगठन / राष्ट्रीय आदिवासी संगठन / बिरसा अम्बेडकर छात्र संगठन / संयुक्त ट्रेड यूनियन काऊन्सिल / खीस्तीय जन जागरण मंच / यंग मेन्स क्रिश्चयन ऐसोसिऐशन – रायपुर / छत्तीसगढ़ क्रिश्चयन फैलोशिप / मुस्लिम खिदमत संघ / यंग मुस्लिम सोशल वेलफेयर सोसायटी / छत्तीसगढ़ बैतुलमाल फाऊन्डेश / तथागत संदेश परिवार / इंसाफ छत्तीसगढ़ / छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन / छत्तीसगढ़ नागरिक विकास मंच / सिरसा / कसम – छत्तीसगढ़ / अखिल भारतीय समता सैनिक दल – रायपुर छत्तीसगढ़.


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