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राज्यपाल विशेष पिछड़ी जनजाति कल्याण समिति के कार्यक्रम में शामिल हुईं | ऑनलाइन बुलेटिन

रायपुर | (छत्तीसगढ़ बुलेटिन) | राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके अपने दो दिवसीय सरगुजा प्रवास के दौरान आज सूरजपुर जिले के पण्डोनगर पहुंची। पण्डोनगर पहुंचने पर विशेष पिछड़ी जनजाति पंडो समुदाय द्वारा परंपरागत ढंग से राज्यपाल सुश्री उइके का स्वागत किया गया। कार्यक्रम स्थल पहुंच राज्यपाल आदिवासी महिलाओं को कर्मा नृत्य करते देख खुद को रोक नहीं पाई और मांदर की थाप पर महिलाओं के साथ थिरकने लगी। इस दौरान राज्यपाल ने पण्डो जनजाति समुदाय को प्रदाय किए गए नवीन एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

राज्यपाल सुश्री उइके ने सर्व विशेष पिछड़ी जनजाति समाज कल्याण समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पण्डो जैसे अत्यंत पिछड़ी जनजाति को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने दत्तक पुत्र के रूप में स्वीकार किया और उनके विकास के लिए हर संभव प्रयास किए। उन्होंने कहा कि आदिवासी ईमानदार और भोले-भाले होते हैं, इसी कारण उन्हें शोषण का शिकार होना पड़ रहा है। हमें शिक्षित और जागरूक होने की जरूरत है, तभी हमारा विकास संभव है। राज्यपाल ने कहा कि शासन-प्रशासन विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए तमाम कोशिशें कर रही है, किंतु आपकी अज्ञानता शोषण का कारण बन रही है। झाड़-फूंक और अंधविश्वास से ऊपर उठकर बीमार होने पर नजदीकी चिकित्सालय में जाकर इलाज कराएं।

राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि गर्भवती महिलाओं पर केन्द्रित कई शासकीय योजनाएं संचालित हैं। साथ ही पौष्टिक आहार वितरित किए जा रहे हैं, जिससे बच्चों का भी समुचित विकास होगा। समाज के प्रबुद्ध लोगों को सामने आकर समुदाय को जागरूक करने की जरूरत है ताकि उन्हें अपने अधिकारों का ज्ञान हों और वे शासकीय योजनाओं का लाभ ले पाएं। राज्यपाल ने आयुष्मान कार्ड योजना का इलाज में लाभ लेने और जिनका आयुष्मान कार्ड नहीं बना है उन्हें तत्काल अपना आयुष्मान कार्ड बनवाने को कहा।

 

जनजातीय महिलाओं को सशक्त व मजबूत होने का किया आव्हान

उन्होंने विशेष पिछड़ी जनजातियों को शोषण से बचाने के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने हेतु प्रयास करने की बात कही। साथ ही कहा कि जनजातीय कला एवं संस्कृति को संजोकर रखने के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा। सामाजिक उत्थान के लिए योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सभी को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से अपनी भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि हमें पांचवी अनुसूची द्वारा प्रदत्त अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए ताकि अनुसूचित क्षेत्र में ग्रामसभा में सर्वसम्मति से निर्णय लिया जा सके।

राज्यपाल सुश्री उइके ने जनजातीय महिलाओं को सशक्त व मजबूत होने का आव्हान किया। महिलाओं के लिए सरकार आजीविका मूलक योजनाएं संचालित कर रही हैं, इसलिए हमें काम करने से पीछे नहीं हटना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें जनजातीय आहार का हिस्सा रहे कोदो, कुटकी, चिरौंजी एवं रागी जैसे फसलों के उत्पादन को बढ़ाना होगा, जिससे आर्थिक रूप से सक्षम होने के साथ-साथ हमें पौष्टिक आहार भी मिले।

 

जनजातीय महिलाओं को सशक्त

राज्यपाल ने समाज के लोगों को जाति प्रमाण पत्र बनाने में आ रही दिक्कतों पर चिंता जाहिर करते हुए जिला प्रशासन को इसका निराकरण करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने वर्षों से काबिज अति पिछड़े ग्रामीणों को पट्टा देने की कार्रवाई तेज करने की बात कही तथा समाज के लोगों को प्रभावित करने वाले अतिक्रमण को तत्काल हटाने हेतु निर्देशित किया। समाज की मांग पर पोखरिया नाला में पुल निर्माण तथा पंडोनगर गांव में समाज के लिए सामुदायिक भवन निर्माण हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।

राज्यपाल ने नवीन एंबुलेंस को दिखाई हरी झंडी

राज्यपाल ने विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय की मांग पर स्वेच्छा अनुदान से नवीन एंबुलेंस प्रदान करते हुए उसे हरी झंडी दिखाई। इस एंबुलेंस में चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ के साथ निशुल्क दवाओं की भी सुविधा ग्रामीणों को मिल सकेगी। एंबुलेंस के माध्यम से विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा।

करमा नृत्य पर थिरकी राज्यपाल

कार्यक्रम स्थल पर राज्यपाल के सम्मान में आदिवासी महिलाओं द्वारा परंपरागत करमा नृत्य की प्रस्तुती दी गई। आदिवासी महिलाओं को थिरकते देख राज्यपाल खुद को नहीं रोक पाई और महिलाओं के साथ मांदर की थाप पर जमकर थिरकी।

तीर धनुष से किया सम्मानित

कार्यक्रम के अंत में पंडो समाज के लोगों ने मंच पर राज्यपाल को आदिवासी समाज के संस्कृति का प्रतीक तीर धनुष भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में सरगुजा कमिश्नर  जी.आर. चुरेंद्र, सूरजपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह, एसपी  राजेश अग्रवाल, विशेष पिछड़ी जनजाति संगठन के प्रदेश अध्यक्ष  उदय कुमार पण्डो समेत प्रदेश भर के विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

 

जनजातीय महिलाओं को सशक्त व मजबूत होने का किया आव्हान

जनजातीय महिलाओं को सशक्त व मजबूत होने का किया आव्हान


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