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बस्तर में कथित ड्रोन हमले के विरोध में ग्रामीण लामबंद, हजारों आदिवासी सुकमा के बीहड़ जंगल में हुए इकट्ठा | ऑनलाइन बुलेटिन

सुकमा | [छत्तीसगढ़ बुलेटिन] | नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में कथित ड्रोन हमले को लेकर आदिवासी लामबंद हो गए हैं। अति संवेदनशील सुकमा जिले के बीहड़ जंगल में हजारों की संख्या में आदिवासी जुटे। ग्रामीणों ने जल, जंगल और जमीन के लिए लड़ने व बस्तर में नरसंहार बंद करने आवाज बुलंद की। भीड़ के बीच नक्सलियों की चेतना नाट्य मंडली ने गानों की प्रस्तुति भी दी।

 

दरअसल, माओवादियों के प्रवक्ता विकल्प ने 16 अप्रैल को प्रेस नोट जारी कर सुकमा व बीजापुर जिले की सरहद पर बसे गांवों बोट्टेतोंग, रासम, एर्राम, मेट्टागुडेम, साकिलेर, मड़पा दुलेड, कन्नेमरका, पोट्टेमंगूम, बोत्तम में पुलिस द्वारा हवाई हमले का आरोप लगाया है। माओवादी संगठन ने कहा है कि 14-15 अप्रैल की रात 1 से 2 बजे के बीच ड्रोन से बमबारी की गई है। इस बमबारी से ग्रामीणों की जान का खतरा व दहशत होना बताया गया है। वहीं माओवादी प्रवक्ता ने कहा कि उनकी पार्टी को इस हवाई हमले से कोई नुकसान नहीं हुआ है। माओवादी प्रवक्ता ने बमबारी की तस्वीर भी साझा की थी।

 

ग्रामीणों को बरगला रहे नक्सली: आईजी

 

नक्सलियों के इस आरोप को बस्तर आईजी पहले ही खारिज कर चुके हैं। आईजी ने कहा था कि बस्तर में माओवादी अपना जनाधार खोते जा रहे हैं और यही वजह है कि उनके द्वारा ग्रामीणों को भ्रमित करने इस तरह की झूठी अफवाह फैलाई जा रही है। सरकार द्वारा बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार विकास, विश्वास और सुरक्षा के काम किए जा रहे हैं, जिससे माओवादी घबरा गए हैं। बस्तर संभाग में नक्सल संगठन टूट की ओर है।


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