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सेंट्रल लाइब्रेरी में युवा गढ़ रहें अपना सुनहरा भविष्य : प्रदेश की पहली डिजिटल लाइब्रेरी से देश और दुनियां से रूबरू हो रहें छात्र | Newsforum

बिलासपुर |    सेंट्रल लाइब्रेरी परिसर में पाठकों के पढ़ने के लिए अलग-अलग विषयों की पांच हजार पुस्तकें उपलब्ध है। जिसमें कला, विज्ञान, गणित, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, कानून, मोटिवेशनल, मेडिकल, अध्यात्म, प्रतियोगी परीक्षाओं के स्टडी मटेरियल शामिल है। इसके अलावा साहित्य जगत, उपन्यास और ख्यातिलब्ध लेखकों की पुस्तकों का भी संग्रह रखा गया है। इसी तरह डिजिटल लाइब्रेरी में तीस कंप्यूटर सिस्टम इंस्टाल किया गया है जिसमें पांच हजार स्टडी मटेरियल उपलब्ध है। इसके जरिए लोग देश-दुनिया से जुड़ भी रहें है और डिजिटल तरीके से पढ़ाई भी हो रही है।

नगर पालिक निगम बिलासपुर और बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा तैयार किए गए सेंट्रल लाइब्रेरी के जरिए अंचल के युवा अपना सुनहरा भविष्य गढ़ रहें हैं। तीन जनवरी को बिलासपुर प्रवास के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री   भूपेश बघेल ने इस सर्व सुविधायुक्त सेंट्रल लाइब्रेरी की सौगात दी थी।

बिलासपुर संभाग समेत पूरे प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए जाना जाता है, ऐसे में काफी समय से शहर में एक सर्व सुविधायुक्त लाइब्रेरी की कमी महसूस की जा रही थी। नगर पालिक निगम बिलासपुर द्वारा यह कमी पूरी कर दी गई है । सेंट्रल लाइब्रेरी में बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा प्रदेश के पहले डिजिटल लाइब्रेरी की भी स्थापना की गई है। लाइब्रेरी में 680 पंजीकृत सदस्य है, जो इस सर्व सुविधायुक्त लाइब्रेरी में पठन-पाठन का कार्य कर रहें हैं।

पांच हजार पुस्तके और 30 सिस्टम

पीएससी की तैयारी के लिए रायगढ़ से आकर बिलासपुर में कोचिंग कर रही छात्रा सु  मनीषा पटेल विगत मार्च माह से सेंट्रल लाईब्रेरी में प्रतिदिन 7-8 घण्टे बैठकर अपनी पढ़ाई कर रही है। यहां का शांत वातावरण, साफ सफाई और अनुशासन उसे बहुत पसंद है। उसने बताया कि कोविड संक्रमण चलते सार्वजनिक स्थलों पर जाने से लोग बच रहे है लेकिन सेंट्रल लाईबे्ररी में प्रोटोकाल का पालन कड़ाई से किया जा रहा है। जो सदस्य इसका उल्लंघन करता है उस पर अर्थदण्ड भी लगाया जाता है। इस व्यवस्था से लाईब्रेरी में संक्रमण का खतरा कम है। इसलिए वह प्रतिदिन बिना नागा के लाईब्रेरी का लाभ ले रही है। मेडिकल के छात्र डाॅ. रजत अग्रवाल प्रीपीजी की तैयारी कर रहे है। वे जनवरी माह से रोज आते है और डिजिटल लाईब्रेरी का लाभ उठा रहे है। उन्होंने बताया कि लाईब्रेरी का माहौल उन्हें बहुत पसंद है। घर में पढ़ाई सुविधाजनक नहीं है, यहां बैठकर वे पूरी एकाग्रता के साथ अध्ययन कर पाते है।

सेंट्रल लाइब्रेरी में सदस्यता के लिए अलग-अलग वर्गों हेतु शुल्क निर्धारित किया गया है। जिसमें सामान्य नागरिकों के लिए, छात्रों के लिए, पूर्व शासकीय सेवक, वरिष्ठ नागरिक, कार्पोरेट से जुड़े लोगों के लिए अलग-अलग शुल्क अलग निर्धारित किया गया है. सदस्यता शुल्क माह, तिमाही, अर्धवार्षिक और आजीवन सदस्यता के आधार पर लिया जा रहा है।

बच्चों के लिए किड्स जोन

सेंट्रल लाइब्रेरी प्रदेश की पहली लाइब्रेरी है जहाँ बच्चों के लिए एक अलग जोन बनाया गया है। जहां बच्चों के पढ़ने के लिए एक अलग वातावरण है। जिसमें ई बुक, आडियों बुक, बोर्ड बुक, पिक्चर बुक, साथ में मस्ती के लिए उपकरण भी उपलब्ध है।

पुस्तकें दान भी कर सकतें हैं

सेंट्रल लाइब्रेरी में अगर कोई पुस्तकें दान करने का इच्छुक हो तो वह दान कर सकता है। इसके लिए सहायक प्रभारी   विकास पात्रे, मो. 7440944000 और लाइब्रेरियन धनकुमार महिलांग फोन नंबर-07752434279 से संपर्क किया जा सकता है।

वर्तमान में 680 सदस्य लाइब्रेरी का उठा रहें लाभ

©बिलासपुर से शैलेन्द्र बंजारे की रपट


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