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पदोन्नति मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रमुख अभियंता को जारी किया आदेश | ऑनलाइन बुलेटिन

बिलासपुर | [कोर्ट बुलेटिन] | छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अरविंद राही ENC (प्रमुख अभियंता), RES (ग्रामीण यांत्रिकी सेवा) को आरोप तय करने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना पर अवमानना याचिका दायर की गई थी. याचिकाकर्ता RES के सब इंस्पेक्टर अविनाश सिंह ने विभागीय पदोन्नति से वंचित होने पर याचिका लगाई थी. पूर्व में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के प्रकरण का विचार कर निराकरण करने का आदेश दिया था. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अविनाश सिंह के प्रकरण पर कुछ नहीं हुआ, जिसके बाद उन्होंने अवमानना याचिका लगाई थी.

 

गौरतलब है कि अविनाश कुमार सिंह जो ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में सब इंजीनियर के पद पर पदस्थ थे, को विभागीय पद्दोनति समिति की बैठक दिनांक 29 सितंबर 12 में सब इंजीनियर से सहायक यंत्री के पद पर पद्दोनत्ति का लाभ नहीं दिया गया.

 

बताया गया कि उनके पूर्व के 5 वर्षों की संपत्ति का विवरण नहीं दिया गया था, जिससे दुखी होकर अविनाश सिंह ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की. याचिका में यह उल्लेख किया गया कि अविनाश सिंह ने अपने 5 वर्षों की संपत्ति का विवरण निर्धारित समय में जमा कर दिया था, लेकिन उनके जूनियरों को पद्दोन्नति का लाभ दिया गया.

 

न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 17 जून 2015 में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता के कथन पर कहा कि याचिकाकर्ता के मामले को दोबारा रिव्यू डीपीसी में विचार किया जाएगा और याचिका निराकरण कर दिया गया, लेकिन रिव्यू डीपीसी दिनांक एक फरवरी 2016 में पूर्व के कारण बताकर ही याचिकाकर्ता के पूर्व के 5 वर्ष के संपत्ति विवरण नहीं होने के कारण उन्हें पद्दोनति का लाभ नहीं दिया जा सका. उक्त कार्यवाही से परेशान होकर अविनाश सिंह ने एक रिट याचिका के साथ ही अवमानना याचिका भी हाईकोर्ट में प्रस्तुत की.

 

उच्च न्यायालय ने 9 फवरी 2018 को यह आदेश पारित किया कि चूंकि याचिकाकर्ता को पदोन्नति का लाभ नहीं दिया गया इसलिए प्रतिवादियों को यह निर्देश दिए जाते हैं कि वह याचिकाकर्ता के मामले में डीपीसी दिनांक 29 सितंबर 2012 का पुनर्निरीक्षण करें और यदि रिव्यू डीपीसी में याचिकाकर्ता पदोन्नति के लिए योग्य उपयुक्त पाया जाता है तो उसे पूर्व के दिनांक से वरिष्ठता का लाभ एवं बैक वेजेस दिया जाए.

 

याचिकाकर्ता के जूनियर जो विभागीय पद्दोनति समिति दिनांक 29 सितंबर 2012 से पद्दोन्नत हुए हैं, उसी दिनांक से याचिकाकर्ता को भी लाभ दिया जाए. उपरोक्त आदेश के बाद भी कुछ न होने से अविनाश सिंह ने उच्च न्यायालय के समक्ष अवमानना याचिका प्रस्तुत की.

 

पूर्व में उच्च न्यायालय ने केआर पिस्दा, पूर्व चेयरमैन, छग लोक सेवा आयोग, पुष्पा साहू पूर्व सचिव छग लोक सेवा आयोग एवं अरविंद राही पूर्व मुख्य अभियंता (वर्तमान में प्रमुख अभियंता) छग ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को नोटिस जारी किया था.

 

प्रतिवादियों की ओर से उपरोक्त अवमानना याचिका में जवाब प्रस्तुत किया गया एवं यह उल्लेख किया गया कि रिव्यू डीपीसी दिनांक 21 फरवरी 2019 की बैठक हुई एवं याचिकाकर्ता को यह कहते हुए पद्दोनति का लाभ नहीं दिया गया कि संवर्ग में पद रिक्त न होने से अनुशंसा नहीं मामले की सुनवाई 23 सितंबर 2022 को न्यायाधीश पी सैम कोशी के यहां हुई।

 

जिसमें उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि प्रतिवादी अरविंद राही के जवाब से न्यायालय संतुष्ट नहीं है. चूंकि उच्च न्यायालय के पूर्व के निर्देश का सही तरीके से पालन नहीं किया गया है.

 

साथ ही न्यायालय ने यह उल्लेख किया कि मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर 2022 को रखी जाती है, जिसमें प्रतिवादी अरविंद राही को अवमानना के आरोप निर्धारण के लिए स्वमेव उपस्थित रहना होगा.

 

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