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16 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर सर्व अनुसूचित जाति महासभा छत्तीसगढ़ ने की ये अपील, पढ़ें पूरी खबर | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

रायपुर | [छत्तीसगढ़ बुलेटिन] | प्रदेश में अनुसूचित जाति का आरक्षण 16 प्रतिशत से घटाकर 13 फीसदी किए जाने को लेकर सर्व अनुसूचित जाति समाज में तीखा आक्रोश है। प्रदेश सरकार के खिलाफ सर्व अनुसूचित जाति समाज के बढ़ते अक्रोश को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनुसूचित जाति वर्ग क़ी हेड काउंटिंग के माध्यम से जनगणना कराए जाने की बात कही है। जिसके आधार पर आरक्षण का प्रतिशत तय किया जा सके। मुख्यमंत्री की ये घोषणा कि अगर समाज सहमति दे तो हेड काउंटिंग कराएंगे सर्व अनुसूचित जाति महासभा छग के संयोजक जितेंद्र पाटले द्वारा छत्तीसगढ़ के सभी अनुसूचित जाति समाज से ये अपील की गई है।

 

शासन द्वारा हेड काउंटिंग हेतु क्वांटिफ़ाइएबल आयोग गठित करने सामाजिक सहमति के साथ इस तथ्य को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि यदि हेड काउंटिंग होती है तो अजा वर्ग की संख्या 16 %से 18 % के बीच आएगी| अतः अनुसूचित जाति समाज को 16% आरक्षण के लिए निस्वार्थ और स्वस्फूर्त प्रयास से खुद ही वालिंटियर बन कर हेड काउंटिंग कर लेने की आवश्यकता है।

 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा की गई घोषणा का वीडियो यहां देखें:-

 

 

 

 

चूँकि मुख्यमंत्री द्वारा सर्व अनुसूचित जाति समाज की ओर से सहमति देने इसलिए कहा जा रहा है कि हेड काउंट में यदि प्रतिशत कम आ गया तो; इसका ठीकरा अनुसूचित जाति समाज पर ही फोड़ सके।

 

अतः सरकार यदि आयोग बनाकर अपने अमले से हेड काउंट कराती है तो उसकी क्रॉस चेकिंग के लिये हेड काउंटिंग खुद कर लेना ज्यादा अच्छा होगा। ताकि शासन द्वारा कराई गई हेड काउंटिंग में किसी प्रकार की गड़बड़ी को चुनौती दी जा सके।

 

अनुसूचित जाति समाज से दावा जरूर किया जा रहा है कि यदि हेड काउंटिंग कराई जाये तो 16% से अधिक जनसंख्या मिलेगी। इस भरोसे के लिए हमें खुद से सभी ग्रामों में वालंटियर्स के रूप में कार्य करने की जरूरत है।

 

इस कार्य के लिये कोई एक पंचायत में स्वयं जाकर सरपंच से या गांव वालों से मिले तथा उस गांव के अजा वर्ग की संख्या गिनती कर नोट कर लें। उस गणना से प्राप्त संख्या का मिलान 2011 की जनगणना से करके ये सुनिश्चित कर लेंगे कि 2022 की स्थिति में कितनी बढ़ोतरी हुई है या कमी हुई है।

 

गणना करते समय ध्यान रखने की जरुरत है कि अनुसूचित जाति वर्ग के लोग चाहे किसी भी धर्म को मानते हैं, कमाने खाने बाहर गये हैं या ग्राम से बाहर किसी शहर या कही और अन्यत्र विस्थापित हैं। उन‌ सबकी गिनती सरपंच, सचिव जैसे जिम्मेदार व्यक्ति से संपर्क कर अनिवार्य रूप से कर लें।

 

इसके लिए केवल ग्राम की कुल अनुसूचित जाति समाज की गिनती करनी चाहिए, जो लगभग शत प्रतिशत होनी चाहिए। कोई कागज में नामवार सर्वे की जरूरत नहीं है। अनुसूचित जाति वर्ग की केवल कुल संख्या ग्रामवार प्राप्त करनी है।

 

अगर हम प्रदेश के सभी पंचायतों में से नगण्य अनुसूचित जाति समाज वाले पंचायतों को छोड़कर शेष पंचायत में अपने वालंटियर्स लगा दें तो महज दो से तीन दिन में वास्तविक जानकारी आ जाने की संभावना है।

 

अगर वह संख्या वर्ष 2022 की प्रोजेक्टेड संख्या से अधिक या 16% के आसपास ठहरता है तो शासन के समक्ष दावा कर सके कि अनुसूचित जाति वर्ग को 16% आरक्षण दिया जावे।

 

इसका एक फायदा यह भी होगा कि शासन से जब हेड काउंट हो तो सरकार के सुपरवाइजर को हमारे द्वारा तब तक काउंटिंग करवाते रहना होगा। जब तक‌ हमारे वालंटियर द्वारा जुटाये गए आंकड़े के समकक्ष या अधिक आंकड़े वो लिखित में नहीं अंकित कर लेते।

 

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