बाल दिवस | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन
बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनायें....
©रामकेश एम यादव
बाल दिवस फिर आया रे चलो खुशियाँ मनाएँ।
खुशियाँ मनाएँ और धूम मचाएँ 2
नेहरू पे प्रेम छलकायें रे चलो खुशियाँ मनाएँ।
बाल दिवस फिर आया रे चलो खुशियाँ मनाएँ।
उनके मन में बसते थे बच्चे
बच्चे दिल के होते हैं सच्चे।
गौरव पुराना फिर पाएँ रे चलो खुशियाँ मनाएँ।
बाल दिवस फिर आया रे चलो खुशियाँ मनाएँ।
नेहरू पे प्रेम छलकायें रे चलो खुशियाँ मनाएँ।
बच्चों से महके धरती ये सारी
जैसे बगीचे की हो कोई क्यारी।
जर्रेजर्रे में फूल खिलाएँ रे चलो खुशियाँ मनाएँ।
बाल दिवस फिर आया रे चलो खुशियाँ मनाएँ।
नेहरू पे प्रेम छलकायें रे चलो खुशियाँ मनाएँ।
गुलामी की जंजीर देखो वो तोड़े
नये भारत को दुनिया से जोड़े।
उनके सपनों का भारत बनाएँ रे
चलो खुशियाँ मनाएँ।
बाल दिवस फिर आया रे चलो खुशियाँ मनाएँ।
नेहरू पे प्रेम छलकायें रे चलो खुशियाँ मनाएँ।
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