.

China News : रिपोर्ट में खुलासा : चांद पर कब्जा करने की फिराक में चीन, संसाधन संपन्न क्षेत्रों पर ड्रैगन की नजर; अमेरिका को पीछे छोड़ सकता है चीन | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

China News : बीजिंग | [नेशनल बुलेटिन] | Revealed in the report: China is trying to capture the moon, Dragon’s eye on resource rich areas; China can leave America behind.

 

दूसरे देशों की जमीन कब्जाने में लगा चीन अब चांद पर भी बुरी नजर डाल रहा है। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन जल्द ही चांद पर कब्जा करने के लिए पैंतरेबाजी चल सकता है।

 

इंडो-पैसिफिक सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशंस (IPCSC) की रिपोर्ट के मुताबिक, नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने चेतावनी दी है कि चीन चंद्रमा के संसाधन-समृद्ध क्षेत्रों पर अपना दावा कर सकता है। चीन अंतरिक्ष अन्वेषण (स्पेस एक्सप्लोरेशन) के जरिए आर्थिक लाभ हासिल करना चाहता है। (China News)

 

10 ट्रिलियन अमरीकी डालर कमाने का इरादा

 

IPCSC की रिपोर्ट के अनुसार, चीन अपने स्पेस एक्सप्लोरेशन का इस्तेमाल खुद को एक सैन्य, आर्थिक और तकनीकी शक्ति में बदलने के लिए कर रहा है। चीन के ये प्रयास जल्द ही विश्व व्यवस्था को नया आकार देंगे। चीन ने 2020 में, एक आर्थिक क्षेत्र (इकनॉमिक जोन) स्थापित करने की अपनी योजना की घोषणा की थी।

 

इसने कहा था कि वह इकनॉमिक जोन से 10 ट्रिलियन अमरीकी डालर कमाएगा।

 

नासा अधिकारी नेल्सन ने 1 जनवरी को पोलिटिको के साथ एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें चिंता है कि चीन चंद्रमा पर अपने मनचाहे एरिया में साइंटिफिक रिसर्च फैसिलिटी (वैज्ञानिक अनुसंधान सुविधाओं) का निर्माण करेगा और फिर उस पर संप्रभुता का दावा करेगा।(China News)

 

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चीन की नजर

 

चीन ने पिछले साल एक स्पेस स्टेशन बनाया था जो पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है। उसने इस स्टेशन के जरिए सैंपल निकालने के लिए चंद्रमा के चारों ओर कई मिशन लॉन्च किए। IPCSC ने बताया कि चीन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास एक ऑटोनॉमस लूनर रिसर्च स्टेशन (स्वायत्त चंद्र अनुसंधान स्टेशन) बनाने की भी योजना बना रहा है, जिसके 2025 में शुरू होने की उम्मीद है।

 

रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन आर्थिक लाभ और रणनीतिक कारणों से स्पेस वॉर जीतने की कोशिश कर रहा है। 27 नवंबर, 2022 को अमेरिकी स्पेस फोर्स के चीफ ऑफ स्टाफ नीना अरमाग्नो ने ऑस्ट्रेलियाई सामरिक नीति संस्थान को बताया कि उन्हें चिंता थी कि चीन अमेरिका को पीछे छोड़ देगा और संभवत: सैन्य क्षेत्र में भी आगे निकल जाएगा।

 

ताकतवर स्पेसक्राफ्ट तैयार कर रहा चीन

 

अर्माग्नो की रिपोर्ट के अनुसार, चीन मिलिट्री स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे कि सेटेलाइट कम्युनिकेशन और दोबारा इस्तेमाल किए जा सकने वाले स्पेसक्राफ्ट (अंतरिक्ष यान) तैयार कर रहा है। इसने पहले से ही लांग मार्च 8R, और लांग मार्च 9 जैसे स्पेसक्राफ्ट तैयार किए हैं। इसके अलावा, चीन सबऑर्बिटल और ऑर्बिटल स्पेसक्राफ्ट भी तैयार कर रहा है।

 

IPCSC के अनुसार, चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन (CASC) के अध्यक्ष वू यानशेंग ने 20 दिसंबर को चीन के स्पेस डेवलपमेंट लक्ष्यों के बारे में बताया, जिसमें मानवयुक्त मून लैंडिंग, स्पेस में ट्रांसपोर्टेशन के लिए बनियादी ढांचा बनाना और ऑन-ऑर्बिट सेवाएं शामिल है। उन्होंने स्पेस मैनेजमेंट, स्पेस लॉ और स्पेस डॉमैन के लिए बीजिंग के दृष्टिकोण का भी खुलासा किया था।(China News)

 

अमेरिका को पीछे छोड़ सकता है चीन

 

16 जनवरी को जारी CASC ब्लू पेपर के अनुसार, चीन 2023 में 60 से अधिक स्पेस मिशन लॉन्च करेगा जिसके जरिए वह 200 से अधिक अंतरिक्ष यान भेजेगा।

 

अखबार ने कहा कि तियानझोउ-6 कार्गो क्राफ्ट, शेनझोउ-16 और शेनझोऊ-17 फ्लाइट मिशन एक साल के भीतर होंगे, जिससे चीन की अंतरिक्ष तक पहुंचने, उसके इस्तेमाल करने और मौजूद संभावनाओं की तलाशने की क्षमता में सुधार हो सके। चीन ने इसके अलावा भी कई अन्य योजनाएं बनाई हैं जो स्पेस में अमेरिका को कड़ी टक्कर देंगी।

 

ये खबर भी पढ़ें:

Bemetara Job News: बेमेतरा में 30 जनवरी को प्लेसमेंट कैम्प… 23 पदों पर होगी भर्ती, 12वीं पास युवकों को मिलेगा मौका, वेतन 9500-17500 रुपए | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

 


Back to top button