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लव जिहाद कानून पर बोले CM योगी – धोखे से कोई करेगा शादी तो माना जाएगा अपराध, बताई असलम बनाम अमित की कहानी | newsforum

नई दिल्ली | सीएम योगी ने शनिवार को कहा कि लव जिहाद कानून सभी पर बराबरी से लागू होता है। यह किसी एक धर्म-जाति पर ही नहीं सिर्फ लागू होता। अगर अपराध हिंदू करेगा तो उस पर भी उसी तरह से कार्रवाई होगी, जैसे मुसलमान पर होगी। धोखे, छद्म, छल से अगर किसी ने महिला से शादी की तो यह अपराध की श्रेणी में आएगा। उन्होंने कहा कि साल 2009 में केरल हाईकोर्ट ने चिंता जताते हुए सरकार से कहा था कि लव जिहाद केरल को इस्लामिक स्टेट बनाने की साजिश का हिस्सा है।

हर व्यक्ति अपना धर्म, महजब मानने को स्वतंत्र है, लेकिन कोई जबरदस्ती नहीं थोप सकता है।

 

सीएम ने मेरठ के एक मामले की सुनाई कहानी

 

लव जिहाद के मसले पर बात करते हुए सीएम योगी ने मेरठ के एक मामले की कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि एक लड़का था, जिसका नाम असलम था। उसने अमित बनकर हिंदू लड़की से शादी कर ली और उसी के घर में रहने लग गया। कई सालों तक दोनों साथ में रहे। एक बच्ची पैदा हुई तो तीन लोगों का परिवार हो गया। इस दौरान, वह हिंदू महिला पर दबाव बनाने लगा कि तुम इस्लाम स्वीकार कर लो। महिला ने कहा कि तुम्हारा नाम अमित था, असलम कैसे हो गया। उसने कहा कि मेरा असली नाम असलम ही है।

 

फर्श के नीचे से महिला और उसकी बेटी मिली

 

सीएम योगी ने एक टीवी न्यूज चैनल से बात करते हुए आगे बताया कि उस महिला ने पूरा मामला अपनी एक सहेली को बताया। उसकी सहेली ने देखना शुरू किया कि कई दिन हो गए महिला दिखाई नहीं दे रही। एक दिन असलम नाम का शख्स जो अमित नाम से रह रहा था, वह अपने घर के दरवाजे बंद करके गायब हो गया। तब महिला की सहेली ने पुलिस में शिकायत की और फिर पुलिस ने जब चेक किया तो उसे कुछ नहीं मिला। बाद में मेरे पास पत्र आया तो मैंने (सीएम योगी) आदेश दिया। घर के अंदर जब फर्श तोड़ी गई तो महिला और उसकी बेटी मिली, जिनकी दफनाकर हत्या कर दी गई थी। बाद में आरोपी शख्स पुलिस मुठभेड़ में पकड़ा गया।

 

कानून लागू करने के बाद 50-55 हो चुकी कार्रवाई

 

मुख्यमंत्री ने बताया कि लव जिहाद के इसी तरह के मामले ऐटा, लखनऊ आदि में भी सामने आए। हमने इस कानून को लागू करने के बाद 50-55 कार्रवाई हो चुकी है। प्रदेश में माहौल बिगाड़ने की छूट कभी नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि चार सालों में उत्तर प्रदेश में एक भी दंगा नहीं होने दिया। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पिछले साल 24 नवंबर को योगी आदित्यनाथ कैबिनेट लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश लेकर आई थी। इसके बाद यह राज्यपाल के पास गया। जिसके बाद 28 नवंबर, 2020 को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इसे मंजूरी दे दी। जिसके बाद से यह कानून अमल में आ गया है।


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