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राहुल गांधी के उस्मानिया यूनिवर्सिटी जाने को लेकर छिड़ा विवाद, मामले को लेकर हाई कोर्ट पहुंच गए छात्र | ऑनलाइन बुलेटिन

नई दिल्ली | [कोर्ट बुलेटिन] | कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस्मानिया विश्वविद्यालय के प्रस्तावित दौरे को लेकर विवाद छिड़ गया है। इस बीच यूनिवर्सिटी के कुछ छात्र अदालत पहुंच गए हैं और राहुल गांधी को कार्यक्रम में हिस्सा लेने देने की मंजूरी मांगी है। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह कहते हुए मंजूरी देने से इनकार कर दिया है कि किसी भी गैर-अकादमिक गतिविधि को मंजूरी नहीं दी जा सकती, जिसमें कोई राजनीतिक व्यक्ति शामिल हो।

 

राहुल गांधी का 6 और 7 मई का तेलंगाना दौरा प्रस्तावित है और इस दौरान उन्हें उस्मानिया यूनिवर्सिटी जाना था। यहां वह छात्रों को संबोधित करने वाले हैं। इसके अलावा कुछ और कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की योजना है।

 

कांग्रेस से जुड़े छात्र संगठन एनएएसयूआई की ओर से हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने यूनिवर्सिटी के वीसी से कहा है कि वे कार्यक्रम के आयोजन पर एक बार फिर से विचार करें।

 

कांग्रेस ने उनकी विजिट को गैर-राजनीतिक इवेंट बताते हुए कहा है कि वे सिर्फ छात्रों से संवाद करेंगे।

 

यूनिवर्सिटी की ओर से 2017 के हाई कोर्ट के एक फैसले का जिक्र किया गया है, जिसमें कहा गया था कि विश्वविद्यालय में किसी राजनीतिक गतिविधि को मंजूरी नहीं दी जा सकती।

 

इस आदेश के बाद यूनिवर्सिटी ने प्रस्ताव पारित किया था कि कैम्पस में कोई गैर-अकादमिक गतिविधि नहीं हो सकती है, जिसमें कोई राजनीतिक व्यक्ति सहभागिता रखता हो।

 

हालांकि यूनिवर्सिटी की फैकल्टी का ही एक वर्ग राहुल गांधी के इवेंट को आयोजित कराने में कुछ गलत नहीं मानता। लॉ के प्रोफेसर जी. विनोद कुमार ने कहा कि यह राजनीतिक नहीं बल्कि बौद्धिक गतिविधि है।

 

राहुल गांधी छात्रों से कुछ मुद्दों पर बातचीत के लिए आ रहे हैं। कांग्रेस ने राहुल गांधी की यात्रा पर रोक को लेकर राज्य की सत्ताधारी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति पर हमला बोला है।

 

कांग्रेस ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन पर कांग्रेस लीडरशिप का असर है। इसी के चलते उसकी ओर से राहुल गांधी की यात्रा को परमिशन नहीं दी गई है। उस्मानिया यूनिवर्सिटी को तेलंगाना के गठन के लिए चले आंदोलन का ग्राउंड जीरो माना जाता रहा है।

 

ऐसे में यहां राहुल गांधी की मौजूदगी से कांग्रेस पार्टी एक संदेश देना चाहती है। देखना होगा कि राहुल गांधी के कार्यक्रम को लेकर अदालत की ओर से क्या फैसला दिया जाता है।


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