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33 किसान संघों ने एक और आंदोलन की भरी हुंकार, कहा- …तो सड़क पर उतरने को हैं तैयार | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

चंडीगढ़ | [हरियाणा बुलेटिन] | तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दो साल पूरे होने के मौके पर शनिवार को किसान संघ देश भर में राजभवनों तक मार्च निकाल रहे हैं. इसी क्रम में पंजाब के 33 किसान संघों ने कृषि कानूनों के खिलाफ हुए आंदोलन की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर मोहाली के गुरुद्वारा श्री अंब साहिब में रैली का आयोजन किया. इस रैली में राज्य भर के हजारों किसानों ने हिस्सा लिया. रैली में भारी संख्या में महिलाएं भी शिरकत करने पहुंची हैं.

 

बता दें कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दो साल पूरे होने के मौके पर शनिवार को किसान संघ देश भर में राजभवनों तक मार्च निकाल रहे हैं. किसान नेताओं ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार का अपने वादों को पूरा करने का कोई इरादा नहीं है और एक बड़े आंदोलन की जरूरत है.

 

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने केंद्र सरकार पर लंबित मांगें पूरी नहीं करने का आरोप लगाया है. जोगिंदर सिंह उग्राहां, दर्शन पाल और हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा है कि केंद्र सरकार ने अभी भी किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया है. 26 नवंबर 2020 को कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू हुआ था.

 

हालांकि बाद में इन कृषि कानूनों को रद्द कर दिया गया, लेकिन किसानों की कई मांगों पर सरकार अभी भी ध्यान नहीं दे रही है. किसान नेताओं ने कहा कि किसानों के खिलाफ आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मामलों को अभी भी रद्द नहीं किया गया है. इसके अलावा एमएसपी की गारंटी भी सरकार ने नहीं दी है.

 

किसान नेताओं ने कहा कि लखीमपुर खीरी कांड के पीड़ितों के लिए न्याय दिलाने में भी सरकार नाकाम रही है. इसके अलावा साल पूरे कर चुके किसानों को पेंशन भी अभी तक नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को लगता है कि किसान आंदोलन खत्म होने के बाद अब मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया है.

 

हालांकि किसान अपनी मांगों को लेकर दोबारा से आंदोलनरत होने के लिए तैयार हैं. नेताओं ने कहा कि दिसंबर माह में संयुक्त मोर्चे की एक अहम बैठक होगी, जिसमें आगे के आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी. रैली के बाद किसान का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपेगा.

 

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