लखीमपुर हिंसा मामले में जीप से भागने वाले सुमित जायसवाल समेत 4 और गिरफ्तार l Onlinebulletin
लखीमपुर खीरी l लखीमपुर हिंसा मामले में खीरी पुलिस और स्वाट टीम ने सोमवार को 4 और लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार लोगों में भाजपा सभासद सुमित जायसवाल भी है। वारदात वाले दिन मौके से भागते हुए सुमित का वीडियो वायरल होने के बाद से ही वो फरार था। पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी। माना जा रहा है कि भूमिगत होने से उसकी लोकेशन ट्रेस नहीं हो रही थी।
हिंसा के जो वीडियो वायरल हुए थे, उनमें थार जीप से निकलकर भागते हुए सुमित जायसवाल ही दिखाई दिया था। सुमित शिवपुरी मुहल्ले का सभासद है। इसके अलावा शिशुपाल, सत्य प्रकाश त्रिपाठी उर्फ सत्यम और लखनऊ के नंदन सिंह को पकड़ा गया है। पुलिस ने सत्यप्रकाश त्रिपाठी के पास से एक लाइसेंसी रिवॉल्वर और तीन गोलियां भी बरामद की हैं। मामले में अब तक दस लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
सुमित जायसवाल की गिरफ्तारी से कई राज से पर्दा उठने की संभावना है। जिस थार जीप से किसानों को कुचलने का वीडियो वायरल हुआ था, उसी जीप में सुमित जायसवाल बैठा था। सुमित जायसवाल के निकलकर भागने का वीडियो भी वायरल हुआ था। पहले कुछ लोगों ने निकलकर भागते व्यक्ति को आशीष मिश्रा बताया था। फिर खुद सुमित जायसवाल सामने आया और बताया था कि जीप में वह बैठा था। किसानों का हमला होने पर वह निकलकर भाग रहा था।
अब पुलिस का मानना है कि सुमित की गिरफ्तारी के साथ ही मामले में कई बड़े राज खुलेंगे। साथ ही ये भी स्पष्ट हो सकेगा कि घटना के समय गाड़ी में कौन कौन मौजूद था।
वहीं, तिकुनिया कांड में भाजपा नेता सुमित जयसवाल की तरफ से दर्ज कराए गए मुकदमे में भी कार्रवाई तेज हो गई है। जांच समिति ने 22 किसानों को नोटिस भेजा है और उनको पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच के ऑफिस में तलब किया गया है। नोटिस पाकर सोमवार को पांच किसान क्राइम ब्रांच के ऑफिस पहुंचे और अपना बयान दर्ज कराया। उनसे देर तक पूछताछ होती रही। बाकी किसानों को भी अलग-अलग तरीखों पर बयान दर्ज करने के लिए क्राइम ब्रांच के ऑफिस बुलाया गया है।
तिकुनिया कांड में कुल 8 लोग मारे गए हैं। इसमें 4 किसान, 1 पत्रकार, 1 ड्राइवर और 2 भाजपा नेता शामिल हैं। दोनों भाजपा नेता व ड्राइवर की हत्या का मुकदमा भाजपा नेता सुमित जायसवाल में अज्ञात लोगों पर दर्ज कराया है। पुलिस ने अब इस मुकदमे की जांच शुरू कर दी है। जांच कमेटी ने वीडियो फुटेज और उस दिन प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के कुछ पदाधिकारियों को नोटिस जारी किया है।
अब तक कुल 22 किसानों को नोटिस जारी की गई है। सभी को अलग-अलग तारीखों पर पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच के ऑफिस बुलाया गया है। नोटिस पाकर पांच किसान सोमवार को अपने वकीलों के साथ क्राइम ब्रांच के ऑफिस पहुंचे और यहां अपने बयान दर्ज कराए। क्राइम ब्रांच के आफिस में उनसे देर तक पूछताछ चलती रही। यह जानने की कोशिश की गई जो उस दिन घटनास्थल पर हुआ था।
सोमवार को जिन किसानों को पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच के ऑफिस बुलाया गया था। वह सभी तिकोनिया या उसके आसपास के रहने वाले हैं। किसानों का कहना है कि उनको नोटिस मिला था तो वह अपने बयान देने आए हैं। इसके अलावा उनको कुछ नहीं पता। बताया जाता है कि यह वह किसान हैं जो घटना वाले दिन वीडियो फुटेज में दिख रहे हैं या तो वह उस संगठन के कार्यकर्ता या पदाधिकारी हैं जो उस दिन नेताओं को काला झंडा दिखाने के लिए जमा हुए थे। इसी आधार पर उनकी पहचान हुई है।