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कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के बाद अब सामने आया कोरोना का नया ihu वैरिएंट, जानें- 5 बड़ी बातें l ऑनलाइन बुलेटिन

नई दिल्ली l (नेशनल बुलेटिन) l दुनिया में कोहराम मचा रहे कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के बाद अब कोरोना का नया वैरिएंट सामने आया है। ihu वैरिएंट का सबसे पहले पता 10 दिसंबर को फ्रांस में चला और तब से वहां के वैज्ञानिक इस पर शोध कर रहे हैं। इस नए वैरिएंट का नाम ihu है।

 

ihu दुनिया में ऐसे वक्त आया है जब दुनिया में पहले ही ओमिक्रॉन स्ट्रेन तबाही मचा रहा है। नए साल की शुरुआत से पहले ही सामने आया ihu वैरिएंट ओमिक्रॉन से कितना अलग और कितना खतरनाक है, आइए जानते हैं।

 

फ्रांस में सामने आए कोरोना के नए ihu वैरिएंट से दुनियाभर में एक बार फिर खलबली मच गई है। यहां ये बताना जरूरी है कि ओमिक्रॉन भी अभी दुनिया के लिए कोरोना वायरस का नया वैरिएंट है। दुनियाभर के वैज्ञानिक अभी भी ओमिक्रॉन के व्यवहार, प्रकृति और संक्रमण की क्षमता पर शोध कर रहे हैं।

 

ओमिक्रॉन वैरिएंट में 32 म्यूटेशन हैं, जिस कारण ये पिछले वैरिएंट के मुकाबले ज्यादा संक्रामक और खतरनाक है। यहां तक कि अभी इस बात की भी पुष्टि नहीं की जा सकती कि कोरोना टीके इसके खिलाफ कितने प्रतिरोधक हैं? लेकिन अब यह नया स्ट्रेन वायरस को समझने में हुई तमाम प्रगति को चुनौती दे रहा है।

 

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस नए स्ट्रेन b.1.640.2 वैरिएंट में 46 म्यूटेशन हैं, जो इसे टीकों के प्रति और भी प्रतिरोधी बनाता है। ihu वैरिएंट का सबसे पहले पता 10 दिसंबर को फ्रांस में चला और तब से वहां के वैज्ञानिक इस पर शोध कर रहे हैं।

 

अब तक इस नए वैरिएंट के बारे में वैज्ञानिकों को पांच बातें ही पता चल पाई हैं-

 

  • • इसकी उपस्थिति का पता सबसे पहले मार्सिले में ihu भूमध्य संक्रमण के विशेषज्ञों द्वारा लगाया गया था। इस वैरिएंट में 46 म्यूटेशन हैं, जबकि ओमिक्रॉन में 32 म्यूटेशन पाए गए थे।
  • • इसे अफ्रीका के एक देश कैमरून की यात्रा से जोड़ा गया है। 24 नवंबर को अफ्रीका के दक्षिणी हिस्से में ही ओमिक्रॉन का पता लगा था और इसने तेजी से दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया।
  • • दिसंबर की शुरुआत में फ्रांस में मार्सिले के पास नए ihuसंस्करण के कम से कम 12 मामले सामने आए। माना जा रहा है कि ये कैमरून से लौटे मामलों से जुड़ा है। क्लस्टर की खोज के बाद इस पर शोध शुरू हुआ।
  • • medrxiv पर पोस्ट किए गए एक पेपर के अनुसार, जीनोम अगली पीढ़ी के अनुक्रमण द्वारा ऑक्सफोर्ड नैनोपोर टेक्नोलॉजीज के साथ ग्रिडियन उपकरणों पर प्राप्त किए गए थे। इसने आगे कहा कि उत्परिवर्तन के कारण 14 अमीनो एसिड प्रतिस्थापन और 9 अमीनो एसिड विलोपन हुए हैं, जो स्पाइक प्रोटीन में स्थित हैं।
  • • b.1.640.2 को अन्य देशों में नहीं देखा गया है या विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा इस पर अभी खतरा या महामारी का लेबल नहीं लगाया गया है।

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