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मालेगांव बम विस्फोट 2008 मामले में एक और गवाह कोर्ट में मुकरा, कर्नल पुरोहित को नहीं पहचाना | ऑनलाइन बुलेटिन

नई दिल्ली | [नेशनल बुलेटिन] | Malegaon Blast : 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में एक और गवाह मुकर गया है। अभियोजन पक्ष ने बताया कि ये अठारहवां गवाह है जो अपनी गवाही से मुकरा है। 2008 के मालेगांव बम विस्फोट में छह लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हुए थे। मामले में मुकदमे का सामना कर रहे आरोपियों में कर्नल प्रसाद पुरोहित, राजनेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर उर्फ साध्वी प्रज्ञा, मेजर सेवानिवृत्त रमेश उपाध्याय, अजय रहीरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी हैं।

 

 

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बताया कि अपने बयान से मुकरने वाले नया गवाह मध्य प्रदेश का एक होटल मालिक है। एजेंसी ने कहा कि वह महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को दिए गए अपने पहले के बयानों से मुकर गया। गवाह मामले के तीन आरोपियों कर्नल प्रसाद पुरोहित, अजय रहीरकर और सुधाकर चतुर्वेदी से संबंधित है।

 

एनआईए ने सोमवार को दिन-प्रतिदिन के आधार पर मुकदमे का संचालन कर रहे विशेष एनआईए न्यायाधीश पी आर सित्रे के समक्ष 232वां गवाह पेश किया। गवाह ने अदालत को सूचित किया कि उसे कुछ भी याद नहीं है और अदालत में मौजूद कर्नल पुरोहित की पहचान करने में विफल रहा। इससे पहले गवाह के बयान तीन बार दर्ज किए गए थे, एक बार महाराष्ट्र एटीएस द्वारा और दो बार एनआईए द्वारा मामले को संभालने के बाद।

 

उसने एजेंसियों को बताया था कि उसने कर्नल पुरोहित के अनुरोध पर आर्ट ऑफ लिविंग कोर्स के नाम से एक शिविर का आयोजन किया था और उक्त शिविर में 50 से 60 लोगों को प्रशिक्षित किया गया था। एक आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी लाठी प्रशिक्षण के एक सत्र में घायल भी हो गया था। शिविरों की व्यवस्था 16 अक्टूबर, 2008 से 21 अक्टूबर, 2008 तक की गई थी। उसने महसूस किया कि शिविर आर्ट ऑफ लिविंग नहीं बल्कि कुछ और थे, लेकिन कर्नल पुरोहित से सवाल नहीं किया क्योंकि वे वर्दी पहनकर इन शिविरों में भाग लेते थे।

 

प्रशिक्षण शिविर पर लगभग 79,150 रुपये खर्च किए गए, और कुछ राशि का भुगतान रहीरकर ने किया। कर्नल पुरोहित ने होटल मालिक से ट्रेनिंग के लिए एयर राइफल्स की व्यवस्था करने को भी कहा था, लेकिन वह उनकी व्यवस्था नहीं कर पाए। विस्फोट पीड़ितों ने मामले में गवाहों के मुकरने की संख्या पर चिंता व्यक्त की है।

 

29 सितंबर, 2008 को मालेगांव में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल में बंधा एक विस्फोटक उपकरण फट जाने से छह लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए। मामले में मुकदमे का सामना कर रहे आरोपियों में कर्नल प्रसाद पुरोहित, राजनेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर उर्फ साध्वी प्रज्ञा, मेजर सेवानिवृत्त रमेश उपाध्याय, अजय रहीरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी हैं।

 

उनका ट्रायल 2 नवंबर, 2018 को शुरू हुआ, जिसमें अभियोजन एजेंसी ने लगभग 286 गवाहों की एक सूची प्रस्तुत की, जिसमें डॉक्टर, पुलिस अधिकारी, फोरेंसिक विशेषज्ञ और पंच गवाह शामिल हैं। अदालत ने 30 अक्टूबर, 2018 को सभी सात आरोपियों के खिलाफ आतंकी गतिविधियों, आपराधिक साजिश और हत्या के मामले में आरोप तय किए थे। आरोपी को कड़े गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धाराओं के तहत मुकदमे का भी सामना करना पड़ा।


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