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जीएसटी बढ़ाने के विरोध में कपड़ा व्यापारियों का ब्लैकआउट प्रदर्शनः दुकानों की लाइट बंद कर थाली-लोटा और शंख बजाया l ऑनलाइन बुलेटिन

भोपाल l ऑनलाइन बुलेटिन l GST on clothes (कपड़े पर जीएसटी) की दर पांच फीसद से बढ़ाकर 12 फीसद करने के विरोध में देश भर में व्यापारी प्रदर्शन कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के कई जिलों में भी कपड़ा व्यापारी इसका विरोध कर रहे हैं।

 

कपड़े पर जीएसटी बढ़ाने के विरोध में मंगलवार को राजधानी भोपाल में कपड़ा व्यापारियों ने ब्लैकआउट प्रदर्शन किया। बैरागढ़ के कपड़ा व्यापारियों ने करीब 20 मिनट अपनी-अपनी दुकानों की लाइटें बंद कर सड़क पर बाहर निकलकर थाली-लोटा और शंख बजाया। व्यापारियों ने दुकानों से बाहर निकलकर थाली बजाकर सरकार को जगाया। व्यापारियों ने रात 7 बजे से 7:20 बजे तक प्रदर्शन किया।

 

व्यापारियों ने कहा कि कपड़ा आम आदमी के उपयोग की वस्तु है। यदि इस पर टैक्स बढ़ता है तो महंगाई बढ़ेगी। कपड़ा संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता त्रिलोक दीपानी ने कहा कि कोरोना संकट के बाद से बाजार मंदी की चपेट में है। व्यापारियों के सामने आर्थिक संकट है। ऐसे में कपड़ा महंगा होने से कारोबार कम हो जाएगा।

 

नई घोषणा के मुताबिक, फैब्रिक या धागों पर जीएसटी को 5 परसेंट से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया है। इसी तरह तैयार ड्रेस पर भी 12 फीसदी जीएसटी लगेगा। इससे पहले जिन ड्रेसों की कीमतें 1,000 रुपये तक था, उनपर ही 5 फीसदी का जीएसटी लगता था। अब सभी ड्रेसों को 12 परसेंट की लिस्ट में शामिल कर लिया गया है।

 

वस्त्र यानी कि टेक्सटाइल्स के रेट भी 12 परसेंट कर दिए गए हैं। इनमें बुने धागे, सिंथेटिक यार्न, पाइल फैब्रिक्स, कंबल, टेंट्स, टेबल क्लॉथ, तौलिया, नैपकिन, रूमाल, मेजमाल, कालीन, गलीचा, लोई और वैसे कपड़े जिन पर चित्र बने हों (टेपिस्ट्री) के जीएसटी रेट 5 से बढ़कर 12 परसेंट हो गए हैं। फुटवेयर के जीएसटी को 5 फीसदी (1000 रुपये/जोड़ी) से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया है।

 


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