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बसपा सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने कहा- कोविड-19 टीका और ऑक्सीजन का आयात करे केंद्र सरकार | newsforum

नई दिल्ली | बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो, अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने विभिन्‍न राज्‍यों में कोविड-19 के टीके और अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी पर चिंता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार से कोरोना वैक्सीन व मेडिकल ऑक्सीजन का आयात करने का अनुरोध किया है और जनता को कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की सलाह दी है। इसके अलावा उन्होंने टीकाकरण की उम्र सीमा 45+ से घटाने की मांग की थी, जिसे सरकार ने सहर्ष स्वीकार कर लिया और आयु सीमा घटाकर 18+ कर दिया है। इसके पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी बदले हालात में लोगों को संभल कर रहने की सलाह दी।

 

पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने सोमवार को ट्वीट किया, ”देश के विभिन्न राज्यों में कोविड-19 के टीके और अस्पतालों में ऑक्सीजन की जबर्दस्त कमी को देखते हुए केंद्र सरकार से अनुरोध है कि इनकी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर विशेष ध्यान दे और यदि इसके लिए आयात करने की जरुरत पड़ती है तो आयात भी किया जाए।”

 

अपने सिलसिलेवार ट्वीट में बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो, अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने लिखा, ”साथ ही, देश की जनता से भी पुनः अपील है कि राज्य सरकारों द्वारा कोरोना महामारी से बचाव के उपाय के तहत जो भी सख्ती तथा सरकारी दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं उनका कड़ाई से अनुपालन करें ताकि कोरोना प्रकोप की रोकथाम हो सके। लोग भी अपनी जिम्मेदारी निभाएं।”

 

बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो, अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने अगले ट्वीट में कहा, ”इसके अलावा, कोरोना वायरस अब युवाओं को भी अपनी चपेट में लेने लगा है, जो काफी चिंता का विषय बनता जा रहा है। अतः कोविड-19 टीकाकरण में उम्र की सीमा के संबंध में भी केन्द्र सरकार को अब यथाशीघ्र पुनर्विचार करना चाहिए। बसपा ने उम्र बंधन की सीमा को खत्म करने की मांग मजबूती के साथ उठाई थी, जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार करते हुए अब 18+ लोगों को टीकाकरण किए जाने की घोषणा कर दी है।

 

इसके पहले सपा अध्यक्ष श्री यादव ने रविवार को अपने ट्वीट में एक गजल पोस्‍ट की थी, जिसमें कहा गया था,

 

”हालात देख सबको बदला जाना चाहिए,

जीना है तो थोड़ा संभल जाना चाहिए।

हम जिंदगी और मौत के दरम्यान खड़े हैं,

कोशिश करें कि वक्त ये टल जाना चाहिए।

किसकी खता है कितनी,

ये तय बाद में करें,

पहले सुरंग से तो निकल जाना चाहिए।”

 

गौरतलब है कि अब तक अखिलेश यादव कोरोना प्रबंधन को लेकर सरकार की विफलता पर ही प्रहार करते रहे हैं लेकिन पहली बार गजल के जरिये उन्‍होंने लोगों को संभल कर जीने की सलाह दी। सप्ताह भर पहले श्री यादव ने ट्वीट कर अपने संक्रमित होने की जानकारी दी थी।


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