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Budget 2022: लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स लिमिट तय, क्या होगा निवेशकों पर फैसले का असर, यहां समझें | ऑनलाइन बुलेटिन

नई दिल्ली | (नेशनल बुलेटिन) | Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का आम बजट मंगलवार 1 फरवरी 2022 को पेश कर दिया है। इस बार के बजट में कई अहम ऐलान हुए हैं। अगर आप शेयर बाजार में निवेश कर भारी-भरकम मुनाफा कमाते हैं तो आम बजट में एक अच्छी खबर है। दरअसल, सरकार ने एलटीसीजी (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस) की लिमिट तय कर दी है।

 

अब निवेशकों को एलटीसीजी सरचार्ज 15 फीसदी से ज्यादा नहीं देना होगा। यह प्रावधान सभी तरह के एसेट्स पर लागू होगा। वर्तमान में एलटीसीजी सरचार्ज केवल सूचीबद्ध शेयरों और म्यूचुअल फंड की यूनिट के लिए उपलब्ध है। वहीं, दूसरे एसेट्स से लॉन्ग टर्म कैपिटल पर सरचार्ज की सीमा तय नहीं थी।

 

आसान भाषा में समझें तो दूसरे एसेट्स से लॉन्ग टर्म कैपिटल चार्ज, कुल इनकम के हिसाब से लगता था। मसलन, वर्ष के दौरान 5 करोड़ से अधिक के पूंजीगत लाभ वाले व्यक्ति के मामले में अब तक 37 फीसदी एलटीसीजी सरचार्ज देना होता था। हालांकि, सरकार के नए फैसले के बाद अब ये अधिकतम 15 फीसदी रह जाएगा।

 

किसे फायदा

 

शेयर बाजार के एक्सपर्ट के मुताबिक बजट में एलटीसीजी की लिमिट तय होने का फायदा उन निवेशकों को सबसे ज्यादा होगा, जो शेयर बाजार में निवेश कर भारी-भरकम मुनाफा कमाते हैं। इनमें संस्थागत से लेकर अन्य तरह के बड़े निवेशक भी शामिल हैं। कहने का मतलब ये है कि सरकार का ताजा फैसला निवेशकों को बाजार में निवेश के लिए आकर्षित करेगा। शेयर बाजार को बूस्ट देने में ऐसे निवेशकों की बड़ी भूमिका होती है।

 

2018 में लागू

 

आपको बता दें कि साल 2018 से सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों की बिक्री पर लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ को टैक्स योग्य बना दिया गया है। इक्विटी निवेश के मामले में, लंबी अवधि का मतलब खरीद की तारीख से एक वर्ष से अधिक की होल्डिंग है। इससे पहले, इक्विटी निवेश पर अर्जित पूंजीगत लाभ टैक्स फ्री था।


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