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किसान आंदोलन में भी पहुंचा कोरोना संक्रमण, प्रदर्शन में शामिल 25 साल की आंदोलनकारी महिला का हुआ निधन | Newsforum

नई दिल्ली | केंद्र सरकार की ओर से पारित किए गए तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डरों पर किसान जुटे हुए हैं। ये आंदोलनकारी मुख्य तौर पर हरिय़ाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के भी हैं। आंदोलनकारी किसानों की मांग है कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए। बिलों को वापस लिए जाने तक वह सीमाओं पर डटे रहेंगे। किसानों की मांग है कि तीनों कानूनों को वापस लेने के साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर भी कानून लागू किया जाना चाहिए। बता दें कि केंद्र सरकार और किसान आंदोलनकारियों के बीच अब तक 11 राउंड की बातचीत हो चुकी है। हालांकि अब भी दोनों के बीच गतिरोध बना हुआ है।

 

दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर बीते कई महीनों से किसानों के आंदोलन में शामिल रही 25 वर्षीय महिला का कोरोना से निधन हो गया है। वह पिछले कई महीनों से सैकड़ों किसानों के साथ आंदोलन का हिस्सा थी। महिला के निधन के बाद किसानों के बीच हड़कंप मच गया है। हरियाणा सरकार के मुताबिक कोरोना से मरने वाली महिला की पहचान पश्चिम बंगाल की मोमिता के तौर पर हुई है। मोमिता उन किसानों के साथ थी, जिन्होंने पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों में प्रचार किया था। वह बीते कई महीनों से हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रही थी।

 

रिपोर्ट्स के मुताबिक 26 अप्रैल से मोमिता में कोरोना के लक्षण नजर आने लगे थे। हरियाणा पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘मोमिता नाम की महिला को 26 अप्रैल को बुखार आया था। इसके बाद उसे बहादुरगढ़ के अस्पताल में एडमिट कराया गया था, लेकिन उसे बेड नहीं मिल पाया था।’ इसके बाद मोमिता को रोहतक के पीजीआईएमएस ले जा गया था, लेकिन वहां भी जगह नहीं मिल पाई। इसके बाद उसे बहादुरगढ़ के ही शिवम हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया, लेकिन तब तक वह कोरोना संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित हो गई थी और गुरुवार सुबह उसका निधन हो गया।


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