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एक्सपर्ट ने बताया कि साइरस मिस्त्री ने इन बातों का ध्यान नहीं रखा, कार में बैठ जाएं तो बिल्कुल न करें ये 3 गलतियां ऑनलाइन बुलेटिन

 नई दिल्ली | [नेशनल बुलेटिन] | टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और बिजनेस टाइकून साइरस मिस्त्री का रविवार, 4 सितंबर को मुंबई- अहमदाबाद हाईवे पर सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। Cyrus Mistry Car Accident: कहने को वे मर्सिडीज GLC 200D SUV में थे। 62 लाख रुपए कीमत वाली इस कार में 7 एयरबैग्स थे। इस SUV को 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली है। अब सवाल ये उठता है कि इतनी सुरक्षित कार में होने के बाद भी उनकी मौत कैसे हो गई।

 

दरअसल, सफर के दौरान साइरस से 3 गलतियां हुईं। उन्होंने इन गलतियों को नहीं किया होता तो शायद उनकी जान बच जाती। इस मामले को लेकर ऑटो एक्सपर्ट और यूट्यूबर आस्क कारगुरु (Ask CarGuru) अमित खरे ने कई ऐसी बातें बताईं जो कार के अंदर बैठने वाले हर पैसेंजर को हमेशा फॉलो करना चाहिए। इन्हें फॉलो करेंगे तब आप 2 एयरबैग वाली कार में भी सुरक्षित रहेंगे। चलिए आपको इन सभी के बारे में बताते हैं।

 

साइरस मिस्त्री इन 3 बातों का ध्यान नहीं रखा

 

पहली बात : साइरस मिस्त्री से सफर के दौरान 3 गलतियां हुईं। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगाया था। ये उनकी पहली और सबसे बड़ी गलती थी। नियम के मुताबिक, कार ड्राइविंग के वक्त हर इंसान को सीट बेल्ट लगाना चाहिए। सीट बेल्ट लगाना यातायात नियमों में भी शामिल है। अगर उन्होंने सीट बेल्ट लगाया होता तो आज चीजें कुछ अलग होतीं।

 

दूसरी बात : उनकी मर्सिडीज GLC 200D SUV हाईवे पर ओवर स्पीड के साथ दौड़ रही थी। एक्सीडेंट से ठीक पहले उनकी कार ने 9 मिनट में 20km का सफर तय किया था। यानी उनकी स्पीड 150km/h थी। जबकि नियम के मुताबिक, हाईवे पर कार की मैक्सिमम स्पीड 100km/h होना चाहिए।

 

तीसरी बात : वैसे तो इस पूरे मामले में साइरस मिस्त्री की लापरवाही रही। सीट बेल्ट नहीं पहनाना, ओवर स्पीड के अलावा कार के अंदर ठीक पोजीशन के साथ नहीं बैठना भी उनकी एक बड़ी लापरवाही रही होगी। क्योंकि सीट बेल्ट लगाने के बाद पैसेंजर का कम्फर्ट खत्म हो जाता है।

एक्सीडेंट में बड़े नुकसान से बचने पर एक्सपर्ट की राय

 

>> रिपोर्ट में कहा गया है कि साइरस मिस्त्री ने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी। इस पर अमित खरे ने बताया कि ऐसी स्थिति में जब एयरबैग खुला तो वो उससे बहुत तेजी से टकराए और बड़ी चोट का शिकार हो गए। गाड़ी का जब एक्सीडेंट होता है तब वो हाई स्पीड से जीरो की स्पीड तक बहुत तेजी से पहुंचती है। कई बार इस काम में सेकेंड ही लगता है। जबकि हमारा शरीर उसी स्पीड पर रहता है। इसी वजह से वो तेज स्पीड के साथ आगे की तरफ टकराता है जितनी स्पीड पर गाड़ी चल रही होती है। ये काम नैनो सेकेंड में होता है। यही वजह है कि सीट बेस्ट पहला प्रोटेक्शन माना जाता है।

 

>> अब कारों में 3 पॉइंट सीट बेल्ट और प्री-टेंशनर सीट बेल्ट आने लगा है। 3 पॉइंट का मतलब ये है कि वो शरीर के तीन हिस्सों को प्रोटेक्शन देता है। इसमें कंधे के साथ दोनों पैर शामिल होते हैं। इसी तरह गाड़ी चलने से पहले आपने प्री-टेंशनर सीट बेल्ट लगा ली, तो वो सीट बेल्ट को और भी ज्यादा टाइट कर देता है। ऐसे में अगर आपने सीट बेल्ट नहीं लगाई तब उसका एडिशन सेफ्टी फीचर भी डिसेबल हो जाता है।

 

>> साइरस की मर्सिडीज GLC 200D SUV ने एक्सीडेंट से ठीक पहले 9 मिनट में 20km की दूरी तय कर ली थी। यानी उनकी गाड़ी की रफ्तार 150km/h से भी ज्यादा की थी। यानी हाईवे पर स्पीड से जुड़े जो नियम तैयार किए गए हैं उसको उन्होंने फॉलो नहीं किया था। यही वजह है कि जहां पर ये एक्सीडेंट हुआ वहां पर उन्हें थोड़ा सा टर्न लेना था, लेकिन हाई स्पीड की वजह से कार कंट्रोल नहीं हो पाई और इतना पड़ा हादसा हो गया।

 

कार में नींद आ जाए तब क्या करें?

 

इसे लेकर अमित खरे ने बताया कि बैक सीट पर बैठ हैं और नींद आ जाए तो कभी भी सीट पर लेटे नहीं। सीट पर बैठकर ही नींद लें। इस दौरान सीट बेल्ट का लगाना बहुत जरूरी है। बैक सीट को रिक्लाइन नहीं किया जा सकता। वो फिक्स पोजीशन में होती है। इस वजह से बैठकर सोने में बॉडी की पोजीशन भी सही होती है। ऐसे में अगर एक्सीडेंट होता भी है तब नींद में भी सीट बेल्ट आपको आगे की तरफ जाने रोक लेता है। यदि आप लेटे हुए हैं तब सीट बेल्ट आपको रोक नहीं पाएगा। कार में नीचे की तरफ कई ऐसे एलिमेंट होते हैं जो आपकी बॉडी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

 

सीट बेल्ट लगाते समय इन बातों का ध्यान रखें

 

  • 1. सीट बेल्ट लगाने से पहले सीट को एडजेस्ट करना बहुत जरूरी होता है। लोग लेटे हुए भी सीट बेल्ट सिर्फ पुलिस वालों से बचने के लिए लगा लेते हैं।
  • 2. कई लोग आड़े-टेड़े बैठकर सीट बेल्ट लगा लेते हैं। ऐसी स्थिति में एक्सीडेंट के वक्त कई बार बेल्ट बॉडी में गलत जगह बंध जाती है। जिससे गले या कंधें में चोट लग जाती है।
  • 3. कार में अलर्ट बैठना भी बहुत जरूरी है। अलर्ट से मतलब है कि प्रोपर पोजीशन में बैठना चाहिए। सीट पर घूमकर नहीं बैठें। पीछे घूमकर बात नहीं करें।
  • 4. आपने सीट बेल्ट नहीं लगाई और एयरबैग उल्टा नुकसान पहुंचा सकते हैं। एक्सीडेंट के वक्त एयरबैग नैनो सेकेंड में खुलते हैं जिससे ये बचाने की जगह नुकसान पहुंचा देता है।

 

सीट बेल्ट लगा है तो बचने का चांस बहुत ज्यादा

 

इस बात को हमेशा ध्यान रखें कि सीट बेल्ट एक्सीडेंट के वक्त पैसेंजर को पहला प्रोटक्शन देता है। आईपीएस स्वाति लकड़ा ने 2019 में एक वीडियो शेयर करके इस बात को बखूबी समझाया है कि सीट बेल्ट लगाने के बाद एयरबैग कितना सुरक्षित होता है।

 

 

 

 

आखिर किस कंडीशन में एयरबैग नहीं खुलता?

 

1. क्या फ्रंट बंपर में गार्ड होने से एयरबैग नहीं खुलेंगे?

 

अमित खरे ने बताया कि यदि आप कार के फ्रंट बंपर में गार्ड लगवा लेते हैं तब उससे सेंसर कई बार छिप जाते हैं। ऐसे में एक्सीडेंट के वक्त सेंसर को इस बात का पता नहीं चल पाता है कि गाड़ी किसी चीज से टकरा गई। इस वजह से एयरबैग नहीं खुल पाते। यानी कार में एयरबैग होने के बाद भी वो बिना एयरबैग वाली कार की तरह हो जाती है। इसीलिए सरकार ने इन सेफ्टी गार्ड को कार में लगाने पर बैन कर दिया है।

 

2. क्या सीट बेल्ट नहीं लगाया तो एयरबैग नहीं खुलेंगे?

 

सेफ्टी के लिहाज से अब सीट के ऊपर भी सेंसर आने लगे हैं। ये सेंसर इस बात का पता लगाते हैं कि सीट के ऊपर कोई बैठा है। इसी वजह से सीट पर बैठते ही सीट बेल्ट लगाने का अलर्ट आने लगता है। इस स्थिति में जब हम सीट बेल्ट लगा लेते हैं तब एयरबैग सही से काम करता है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि सीट बेल्ट नहीं लगाने पर एयरबैग खुलेंगे नहीं। कई बार फ्रंट एयरबैग भले ही नहीं खुलें, लेकिन साइड एयरबैग खुलते ही हैं। हालांकि, ज्यादातर कारों में साइड एयरबैग नहीं होते हैं। अब ज्यादातर कारों की प्रोसेस सेंसर पर टिक गई है।

 

 

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