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गंगा का बदला नजारा : पानी के साथ ही रेत के ढेर में अब दफन किए जा रहे शव | Newsforum

प्रयागराज | उत्तरप्रदेश सरकार की रोक के बाद भी गंगा नदी और किनारे की रेत में शव बहाने व दफनाने का सिलसिला थम नहीं रहा है। प्रयागराज के फाफामऊ घाट पर एक दर्जन से अधिक शव रेत में दफना दिए गए हैं। शृंग्वेरपुर में भी गंगा किनारे रेत में शव दफन करने का सिलसिला लगातार जारी है। प्रयागराज में गंगा किनारे सैकड़ों की संख्या में शव दफन किए जाने की बात कही जा रही है। इसके फोटो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि गंगा किनारे इस तरह का दृश्य पहले कभी नहीं देखा गया था। वहां इक्का-दुक्का शव दफन किए जाते थे। एक जाति विशेष, 18 वर्ष से कम आयु, धर्म परिवर्तन करने वालों के साथ ही अंतिम संस्कार का खर्च वहन न कर पाने वाले गरीब तबके के लोग वहां चोरी-छिपे शव दफन कर देते हैं। इतनी बड़ी संख्या में दफन शव कोरोना काल में ही देखे जा रहे हैं।

प्रयागराज में दूसरे शहरों से भी शव आ रहे हैं। शव के साथ आए लोगों ने बताया कि जौनपुर से शव लेकर पहले छतनाग गए। वहां जगह नहीं मिली तो फाफामऊ आ गए। गड्ढा खोदा जा रहा था तभी किसी ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी को सूचना दी। उसने यह कहकर टाल दिया कि गरीब लोग हैं। इसके बाद भी शव आते रहे और दफनाने का सिलसिला चलता रहा।

 

प्रयागराज के फाफामऊ श्मशान घाट पर वर्षों से शव दफन किए जा रहे हैं। कोरोना का संक्रमण बढ़ने के बाद इसमें इजाफा हुआ है। घाट पर रहने वालों का कहना है कि रेलवे पुल और कर्जन ब्रिज के आसपास पिछले कुछ दिनों में दर्जनों शव दफन किए गए हैं। कछार के बड़े हिस्से में जगह-जगह दिखने वाले टीले के नीचे शव दफन हैं।


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