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नवाचारी शिक्षक मुकुन्द उपाध्याय को मिला नेशनल आइकॉन अवार्ड | Newsforum

नई दिल्ली | शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय स्तर शिक्षकों का ऑनलाइन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ऑनलाइन कार्यक्रम की श्रृंखला में नवाचारी गतिविधियों पर विचार साझा किए गए तथा टीचर्स आइकॉन अवार्ड की घोषणा की गई। डॉ यादवेंद्र नाथ मैमोरियल ट्रस्ट व उदघोष शिक्षा का नया सवेरा के तत्वाधान में देशभर के शिक्षकों का वर्चुअल संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर चयनित 337 नवाचारी शिक्षकों को टीचर्स आइकन अवार्ड -2021 से भी नवाजा गया। इसी क्रम में कोरबा जिले के नवाचारी शिक्षक मुकुन्द केशव उपाध्याय को टीचर आइकॉन अवार्ड से सम्मानित किया गया।

शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को राष्ट्रीय स्तर पर समर्पित शिक्षकों के लिए निःशुल्क ऑनलाइन संवाद कार्यक्रम की श्रृंखला में शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारी गतिविधियों पर विचार साझा किए गये तथा टीचर्स आईकन अवार्ड की घोषणा की गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व उप निदेशक, एससीईआरटी डॉ. पुष्पा रानी वर्मा ने कहा कि सभी शिक्षकों में नवाचार की संभावनाएं मौजूद होती हैं, लेकिन औसत शिक्षक यह मानकर चलता है कि उसका काम पाठ्यक्रम पढ़ा देना और बच्चों को परीक्षा के लिए तैयार करना है। बच्चे की उत्सुकता का विकास शिक्षक न अपनी जिम्मेदारी समझता है, न स्कूल में ऐसी परिस्थितियां हैं, जिनमें वह इस जिम्मेदारी को निभा सके।

 

उन्होंने कहा कि फिर भी कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं, जिन्होंने प्रयोग, शोध और क्रियात्मक अनुसंधान पर आधारित नवाचारों से शैक्षिक स्तर को रूपांतरित ही नहीं किया बल्कि शैक्षिक चिंतन से कर्म का चरित्र बदलने की कोशिश की है। असंगठिक कामगार सुरक्षा बोर्ड के सदस्य नितिन शर्मा ने कहा कि कोविड काल में शिक्षकों ने भी अविस्मरणीय भूमिका अदा की है। उन्होंने सभी चयनित शिक्षकों को टीचर्स आइकॉन अवार्ड की शुमभकामनाएं दी।

 

महर्षि वेदव्यास वैदिक वर्चुअल विश्वविद्यालय, गुजरात के सीईओ डॉ. चक्रधर फ्रैंड ने कहा कि नवाचार के लिए बच्चों की भाषा का पक्ष अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसके लिए अनेकानेक प्रयोग हुए हैं। क्योंकि बच्चा भाषा के जरिए अपनी बात प्रकट करता है, दूसरों की बात समझता है; तथा संवाद करता है। ऐसे विद्यार्थियों की संख्या बहुत है, जो सरल भाषा नहीं लिख पाते। यह एक गंभीर समस्या है। इस कमी को दूर करने के लिए कई नवाचार किए जा सकते हैं। कार्यक्रम में मौजूदा वर्ष के नेश्नल टीचर एवार्डी हरिदास शर्मा तथा विगत वर्ष के नेशनल टीचर एवार्डी मनोज कुमार लकड़ा ने अपनी सक्सेस स्टोरी सुनाई तथा नवाचारों पर विचार प्रस्तुत किए।

 

कार्यक्रम का संचालन हरपाल आर्य, हरियाणा व संजय वत्स ने संयुक्त रूप से किया! कार्यक्रम की अध्यक्षता मनोज लाकडा ने की। उदघोष समूह के संस्थापक सदस्य संजय वत्स व डॉ. रणवीर सिंह ने कार्यक्रम में नवाचारी शिक्षकों से नवाचार पर शिक्षकों से संवाद स्थापित करते हुए एक दूसरे से नवाचारी गतिविधियां साझा करने एवं अपने अपने विद्यालयों में छात्रों को नवाचारी शिक्षण के माध्यम से नित नई जानकारियों के साथ शिक्षण कार्य कराया जाने पर जोर दिया।

 

उन्होंने बताया की इस वर्ष देशभर से 337 शिक्षकों को टीचर्स आइकॉन अवार्ड हेतु चुना गया है। वर्चुअल संवाद के कार्यक्रम में संस्थापक सदस्य डॉ. प्रदीप गहलौत, डॉ. राधा वाल्मीकी, राजीव कुमार शर्मा, हरपाल आर्य, सपना रानी, वैशाली गुल्शियां, किरण सिंह, सिम्मी सिंह, अश्विन सोलंकी, किरण सिंह, सरिता रस्तौगी, सतीश प्रजापत, रविराज सैनी, बीना कौशल, ॠचा शर्मा, वेद प्रकाश, नीरज पाठक, देवेन्द्र कुमा, हरिओम सिंह, आदी भारत वर्ष के विभिन्न राज्यों से नवाचारी शिक्षकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।


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