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‘नई महिलाओं पर पुरुषों की गिद्धों की तरह नजरें…’ रॉयल नेवी की पनडुब्बियों पर यौन उत्पीड़न से हड़कंप | ऑनलाइन बुलेटिन

लंदन | [वर्ल्ड बुलेटिन] | Royal Navy news: रॉयल नेवी में शामिल पनडुब्बियों (submarines) पर तैनात महिला कर्मचारियों के यौन उत्पीड़न (sexual assault) की रिपोर्ट से ब्रिटेन में हंगामा खड़ा हो गया है। आरोप है कि पनडुब्बियों (submarines) पर काम करने वाली महिला कर्मचारियों को डराया धमकाया गया और उनका यौन उत्पीड़न किया गया। आनन-फानन में रॉयल नेवी (Royal Navy) के प्रमुख एडमिरल बेन की ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। पूर्व नौसेना लेफ्टिनेंट ने पनडुब्बियों (submarines) पर महिला कर्मियों के यौन उत्पीड़न का दावा किया है। Royal Navy news

 

ब्रिटेन की रॉयल नेवी के प्रमुख एडमिरल बेन की ने कहा कि वह इन आरोपों से ‘बहुत ही आहत’ हैं कि पनडुब्बियों पर काम करने वाली महिला कर्मचारियों को डराया धमकाया गया और उनका यौन उत्पीड़न किया गया।

 

डेली मेल अखबार ने शनिवार को पूर्व नौसेना लेफ्टिनेंट सोफी ब्रूक के उन दावों को प्रकाशित किया है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि उन्हें ‘यौन उत्पीड़न के एक निरंतर दौर’ के साथ- साथ शारीरिक उत्पीड़न का भी सामना करना पड़ा।

 

गिद्धों की तरह नजरें गड़ाए होते हैं

 

अखबार ने उनके हवाले से प्रकाशित किया है कि पनडुब्बियों पर जब भी कोई नई महिला आती है तो चालक दल के पुरुष सदस्य ‘गिद्धों की तरह’ नजरें गड़ाए होते हैं। 30 साल के ब्रूक ने इस साल की शुरुआत में रॉयल नेवी छोड़ दी थी और बाद में उन्हें अपनी पनडुब्बी की आवाजाही के बारे में एक ईमेल संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप में जेल की सजा सुनाई गई थी।

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‘यौन संबंध बनाने के लिए परेशान किया जाता था’

 

अखबार ने नौसेना के एक अन्य गुमनाम व्हिसलब्लोअर के हवाले से कहा कि महिलाओं को पनडुब्बियों में यौन संबंध बनाने के लिए लगातार परेशान किया जाता था। रॉयल नेवी के पूर्णकालिक कर्मियों में महिलाओं की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत हैं और 2011 से पनडुब्बियों पर सेवा करने के लिए पात्र हैं। नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘ये आरोप घृणित हैं।’

 

रॉयल नेवी प्रमुख बोले- उत्पीड़न का कोई स्थान नहीं

 

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘यौन हमले और उत्पीड़न का रॉयल नेवी में कोई स्थान नहीं है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’ नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘मैंने अपनी वरिष्ठ टीम को इन आरोपों की गहन जांच करने का निर्देश दिया है। जो कोई भी दोषी पाया जाएगा, उसकी रैंक या स्थिति की परवाह किए बिना उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।’ रक्षा मंत्रालय ने इन आरोपों पर टिप्पणी नहीं की है।

 

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